West Champaran: मौसम का बदला मिजाज, सुबह में कोहरा और दोपहर में चिलचिलाती धूप; किसान भाई क्यों हैं परेशान?
मौसम लगातार बदल रहा है। पौ फटने से पहले हल्के कुहासा के कारण सुबह में कुआर का एहसास हो रहा है जबकि दोपहर होते-होते तेज धूप के कारण जेठ जैसी गर्मी महसूस हो रही है। मौसम में अचानक आए व्यापक बदलाव के बाद किसानों की नींद उड़ गई है। किसानों को अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगी है।
जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिमी चंपारण) : विगत दो-तीन दिनों से मौसम में काफी बदलाव आया है। मानसून की सक्रियता कम होते ही आसमान से मेघ गायब हो गए हैं।
पौ फटने से पहले हल्के कुहासा के कारण सुबह में कुआर का एहसास हो रहा है, जबकि दोपहर होते-होते तेज धूप के कारण जेठ जैसी गर्मी महसूस हो रही है।
मौसम का बदलता मिजाज
गुरुवार कि सुबह आसमान हल्के कुहासे से घिर गया। पौ फटने के बाद तीखी धूप निकली। दोपहर होते-होते सूर्य की किरणों से मानो आग निकलने लगी।
तेज धूप की वजह से दोपहर में सड़के सूनी हो गई। गर्मी के कारण लोगों का रहना मुश्किल हो गया। लोग छांव की तलाश करते दिखे। उमस व गर्मी के कारण दोपहर में अधिकतर लोगों ने अपने घरों में ही समय बिताया।
मानसून की सक्रियता कमी
कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ धीरू कुमार तिवारी ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पहले की अपेक्षा मानसून की सक्रियता कम हुई है। हालांकि अभी भी वर्षा के आसार बने हुए हैं।
इधर, मौसम में अचानक आए व्यापक बदलाव के बाद किसानों की नींद उड़ गई है। किसानों को अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगी है। आसमान साफ रहने के कारण वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं।
धान की फसल को काफी नुकसान की आशंका
किसानों ने कहा कि इस साल पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण धान की फसल को काफी नुकसान होगा। फसलों की बढ़ोतरी के लिए खेतों में पानी नहीं है। कुछ दिन पूर्व हुई वर्षा के बाद उम्मीद की एक किरण जगी थी, लेकिन अचानक से मौसम ने फिर से करवट ले ली है, जिसका असर फसलों पर पड़ना तय है।