West Champaran: सील अस्पताल का ताला तोड़ महिला का किया आपरेशन, पुलिस को देखते ही मरीज को छोड़ भागे सभी कर्मी
पुलिस ने चार महीने पहले जिस अस्पताल को सील कर दिया था वहां रविवार को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने एक महिला को पाया जिसका हाल ही में ऑपरेशन किया गया था। पुलिस को देखते ही अस्पताल के सभी कर्मी वहां से फरार हो गए।
रामनगर (पश्चिम चंपारण), संवाद सूत्र। जिस प्राइवेट अस्पताल को चार महीने पहले अवैध रूप से संचालन में सील कर दिया गया, वह रविवार को चलता मिला। उसकी सील तोड़कर एक महिला का आपरेशन किया गया था। मामला रामनगर के दुर्गा नगर स्थित सिटी इमरजेंसी हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर का है। मौके पर पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उस महिला को सदर अस्पताल भेज दिया। जांच के दौरान अस्पताल से आपरेशन से संबंधित उपकरण भी मिले। वहीं, आदर्श जांच घर की पर्ची मिली, जिसपर चिकित्सक की जगह मंजर आलम का नाम अंकित है। महिला का गर्भाशय निकालने की आशंका है। मौके से सभी कर्मी फरार हो गए।
रामनगर थाने के एसआइ एसएन चौधरी गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें सील अस्पताल का ताला खुला नजर आया। अंदर लोगों की चहलकदमी दिखाई दी। वे अंदर पहुंचे तो चनपटिया थाना क्षेत्र के पुरैना गांव निवासी राजेश पटेल की पत्नी 32 वर्षीय मीना देवी मिलीं। जिनका आपरेशन किया गया था। एसआइ ने इसकी सूचना पीएचसी प्रभारी डा. चंद्रभूषण को दी। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पहुंची।
महिला व उसके स्वजन को बाहर निकाला गया। एंबुलेंस पर उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया। अस्पताल के अंदर के चार कमरे खुले थे। बिछावन से लेकर अन्य सभी व्यवस्था थी। ओटी, मरीज के रहने का कमरा सबकुछ अपडेट था। अनुमान लगाया जा रहा है कि सील करने के कुछ दिनों के बाद से ही इसमें आपरेशन का खेल चलने लगा था।
बार-बार बात बदल रहे स्वजन
पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने जब महिला और उसके स्वजन से पूछताछ की तो कभी पथरी का आपरेशन बताया तो कभी कापर-टी अंदर फंस जाने की बात कह आपरेशन कराने की बात कही। महिला के स्वजन के अनुसार उन्हें बीते 21 दिसंबर को भर्ती किया गया था। दो दिन पहले ही आपरेशन किया गया था। पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. चंद्रभूषण ने बताया कि गर्भाशय निकालने की आशंका है।
चार महीने पहले किया गया था सील
उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल में बीते अगस्त में एक महिला मरीज की जान झोलाझाप के आपरेशन करने से हो गई थी। इस पर काफी हो हल्ला मचा था। तब अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर जांच अभियान चलाया गया था। उस दौरान बिना लाइसेंस चल रहे सिटी हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के अलावा अमन हास्पिटल, संजीवनी क्लीनिक और गोरू क्लीनिक को सील कर दिया गया था।