ATM Charge: एक जनवरी से बढ़ रहा है एटीएम से ट्रांजैक्शन का चार्ज, RBI का सर्कुलर होगा प्रभावी
ATM Charge news ICICI Bank ने कहा है कि वह 1 जनवरी 2022 से ATM की मुफ्त निकासी सीमा से ऊपर रकम निकालने पर चार्ज बढ़ाने जा रहा है। यानि अब 20 रुपये के बजाय 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कटेंगे।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:57 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ I ICICI Bank ने कहा है कि वह 1 जनवरी 2022 से ATM की मुफ्त निकासी सीमा से ऊपर रकम निकालने पर चार्ज बढ़ाने जा रहा है। यानि अब 20 रुपये के बजाय 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कटेंगे। बता दें कि इस साल जून में आरबीआई ने बैंकों को अगले साल से ATM के जरिये तय मुफ्त मासिक सीमा से अधिक बार रकम निकालने या अन्य लेन-देन करने को लेकर शुल्क बढ़ाने की इजाजत दी थी। यानि बैंक ग्राहक 1 जनवरी, 2022 से अगर मुफ्त निकासी या अन्य सुविधाओं की तय सीमा से ज्यादा बार लेन-देन करेंगे (Service Charge for Domestic Savings Account) तो उन्हें प्रति लेन-देन 21 रुपये देने होंगे।
RBI का सर्कुलर RBI के सर्कु्लर के मुताबिक बैंकों को दूसरे बैंकों के एटीएम में कार्ड के इस्तेमाल के एवज में लगने वाले शुल्क (Interchange Fee) की क्षतिपूर्ति और अन्य लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें प्रति लेने-देन ग्राहक शुल्क बढ़ाकर 21 रुपये करने की इजाजत दी गयी है। बढ़ा हुआ शुल्क एक जनवरी, 2022 से प्रभाव में आ रहा है।
कितनी लगती है फीस
ICICI Bank के नोटिस के मुताबिक यह फीस तब लागू होगी जब ग्राहक अपने बैंक के ATM से हर महीने 5 मुफ्त लेन-देन (वित्तीय और गैर-वित्तीय लेन-देन) की पात्रता पार कर जाएंगे। वे महानगर में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन बार और छोटे शहरों में 5 बार मुफ्त लेन-देन कर सकते हैं। बता दें कि RBI ने प्रति वित्तीय लेन-देन इंटरचेंज फीस 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये और गैर-वित्तीय लेन-देन के मामले में 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये करने की बात भी कही थी।
क्या हैं इंटरचेंज फीस RBI के मुताबिक बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिये एटीएम लगाते हैं। साथ ही दूसरे बैंकों के ग्राहकों को भी इसके जरिये सेवाएं दी जाती हैं। निर्धारित सीमा से अधिक इस्तेमाल पर वे शुल्क लेते हैं जिसे इंटरचेंज फी कहते हैं।एटीएम लगाने की बढ़ती लागत RBI ने कहा था कि ATM लगाने की बढ़ती लागत और एटीएम परिचालकों के रखरखाव के खर्च में बढ़ोतरी को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की इजाजत दी गयी है। इसमें संबंधित इकाइयों और ग्राहकों की सुविधाओं के बीच संतुलन की जरूरत को ध्यान रखा गया है।