Mumbai के इस बैंक पर लगा 79 लाख रुपए का जुर्माना, कहीं आप इस बैंक के कस्टमर तो नहीं
रिजर्व बैंक ने अपना सहकारी बैंक (Apna Sahakari Bank) मुंबई पर 79 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की टेस्टिंग से पता चला है कि उसने बचत बैंक खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने के लिए Penalty लगाने के निर्देशों का पालन नहीं किया।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 25 Sep 2021 11:41 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। रिजर्व बैंक ने एनपीए वर्गीकरण सहित कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर अपना सहकारी बैंक, मुंबई पर 79 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की टेस्टिंग से पता चला है कि उसने एनपीए वर्गीकरण, मृतक व्यक्तिगत जमाकर्ताओं के चालू खातों में जमा रकम पर ब्याज का भुगतान या दावों का निपटान करते समय और बचत बैंक खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाने के निर्देशों का पालन नहीं किया था। अपना सहकारी बैंक का वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च 2019 को उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में था।
कर्जदाता को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कारण बताने के लिए कहा गया था कि उपरोक्त निर्देशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटिस पर बैंक के जवाब, अतिरिक्त अनुपूरक उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद जुर्माना लगाया गया।
हालांकि, रिजर्व बैंक ने कहा कि नियामक अनुपालन में कमी के कारण जुर्माना लगाया गया और इसका उद्देश्य बैंक के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या उनके साथ समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।
दूसरी तरफ बाजार नियामक Sebi ने दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सातवाहन इस्पात लिमिटेड के शेयर में निवेश सीमा के उल्लंघन से संबंधित मामले में कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्यवाही का निपटान कर दिया। हालांकि बोर्ड ने इसी मामले में दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ...हेसिका ग्रोथ फंड और प्लुटुस टेरा इंडिया फंड... पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने इस संदर्भ में दो अलग-अलग आदेश जारी किए।
मामले में कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्यवाही मनोनीत डिपोजिटरी पार्टिसिपेन्ट (डीडीपी) के रूप में की गयी थी। सेबी ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक लि. के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए। इसीलिए उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। शेयर में एफपीआई की संयुक्त हिस्सेदारी 10 प्रतिशत को पार कर गयी थी। यह 28 जुलाई, 2014 से 11 जून, 2019 के बीच एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) नियमों के अनुरूप नहीं था।