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आंख मूंदकर ले रहे हैं Home Loan तो हो जाएं सावधान, जरा सा चूके तो डूब जाएंगे रुपये

क्या आप त्योहारों के मौसम में होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं? यदि इसका जवाब हां है तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए। जरा सी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है इसलिए लोन लेने से पहले कुछ बातों की जांच कर लें।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sun, 16 Oct 2022 06:00 PM (IST)
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Be aware of hidden charges of home loan during festive season
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घर खरीदना हमारे जीवन के खास पलों में से एक होता है। बहुत से लोग त्योहारों के मौसम में अपना घर खरीदना चाहते हैं क्योंकि यह समय किसी भी तरह के निवेश के लिए सबसे शुभ माना जाता है। यूं तो होम लोन लेते समय ज्यादातर लोग अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करते हैं, लेकिन क्या यह काफी है? क्या आप लोन लेते समय ब्याज दर के अलावा अन्य छिपे हुए चार्जेस की जांच करते हैं?

अगर ऊपर दिए गए सवालों का जवाब 'ना' है तो फिर आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। इस तरह के शुल्क आपके एक्चुअल लोन अमाउंट का एक ठीक-ठाक हिस्सा होते हैं। इन्हें हटाने के बाद आपका ऋण चुकौती दायित्व अच्छा-खासा कम हो जाता है। हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से चार्जेस हैं जिन्हें बैंक आपको बिना बताए वसूल करते हैं या अगर बताते भी हैं तो आप उन्हें सीरियसली नहीं लेते।

प्रोसेसिंग फीस

जब आप किसी बैंक से होम लोन लेते हैं तो तो बैंक आपसे प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। प्रोसेसिंग फीस में केवाईसी शुल्क, लोन इलिजिबिलिटी, पते और आय का सत्यापन, क्रेडिट हिस्ट्री वेरिफिकेशन आदि शामिल हो सकते हैं। यह हर बैंक में अलग-अलग होता है।

ज्यादातर मामलों में, बैंक या हाउसिंग लोन देने वाले संस्थान लोन अमाउंट का एक निश्चित प्रतिशत या एक निश्चित राशि, जो भी कम हो, प्रोसेसिंग फीस के रूप में वसूल करते हैं। उदाहरण के लिए, एसबीआई के होम लोन की प्रोसेसिंग फीस, लोन अमाउंट का 0.35% है, जो न्यूनतम 2,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये तक हो सकती है।

एडमिनिस्ट्रेशन फीस

लोन जारी करने से पहले बैंक, संपत्ति के मूल्य और उसकी वर्तमान हालत का आकलन करने के लिए कानूनी मूल्यांकन करते हैं। कुछ बैंक कानूनी राय और संपत्ति के मूल्यांकन के लिए अलग से फीस वसूल करते हैं। एडमिनिस्ट्रेशन फीस आमतौर पर संपत्ति मूल्य के 0.2% से 0.5% तक होती है।

एमओडीटी चार्ज

एमओडीटी को मेमोरेंडम ऑफ डिपॉजिट ऑफ टाइटल डीड कहते हैं। यह फीस संपत्ति के टाइटल डीड को बंधक बनाने के लिए लगाया जाता है। जब तक आप पूरा कर्ज नहीं चुका देते, तब तक एमओडीटी आपकी संपत्ति में बैंक का हिस्सा दिखाता है। ये शुल्क, जिसमें स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क शामिल हैं, अलग-अलग राज्यों मेंअलग-अलग हैं। आमतौर पर ये लोन अमाउंट के 0.1% और 0.5% के बीच होते हैं।

होम लोन पर जीएसटी

आपको सीधे ऋण राशि पर जीएसटी का भुगतान नहीं करना है, लेकिन जीएसटी उन शुल्कों पर लागू होता है जो आप होम लोन लेते समय बैंक को देते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपके बैंक की प्रोसेसिंग फीस 5,000 रुपये है तो आपको उस पर 18% के हिसाब से बैंक को अतिरिक्त 900 रुपये जीएसटी देना होगा। ऐसे में तो आपकी कुल प्रोसेसिंग फीस बढ़कर 5900 रुपये हो जाएगी, जिसमें जीएसटी भी शामिल है।

होम लोन का डॉक्यूमेंटेशन चार्ज

जब आप होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को कई दस्तावेजों को सुरक्षित रखना होता है। कुछ बैंक ऐसे दस्तावेजों को अपने रिकॉर्ड में रखने के लिए डॉक्यूमेंटेशन फीस लगाते हैं। कुछ बैंक प्रोसेसिंग शुल्क में ही इसे शामिल कर लेते हैं और अलग से इसे नहीं दिखाते हैं।

अन्य शुल्क

होम लोन में कुछ और शुल्क शामिल हो सकते हैं, जैसे कि आकस्मिक शुल्क, संपत्ति बीमा प्रीमियम, क्रेडिट स्कोर एक्सेस फीस, प्री-ईएमआई फीस आदि।

इन सब फीस की लागत बैंक दर बैंक अलग-अलग होती है। इसलिए होम लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने बैंक से संपर्क कर सभी चीजों की जांच कर लें।

ईएमआई के अलावा ध्यान रखें ये बातें

  • केवल होम लोन पर ब्याज दर की तुलना करना काफी नहीं है।
  • प्रोसेसिंग फीस के रूप में आपको मोटा पैसा चुकाना पड़ सकता है। यह आमतौर पर लोन अमाउंट के 0.20% से 2% तक हो सकता है।
  • कुछ बैंक कानूनी राय और संपत्ति के मूल्यांकन के लिए भी फीस लेते हैं।
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