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Instant Loan के नाम पर लोगों को लगा रहे हैं चूना, App के जरिये हो रही है ठगी; ये हैं बचने के उपाय

मोबाइल एप के जरिये तुरंत लोन देने वालों की तादाद बड़ी तेजी से बढ़ी है। इनमें झांसा देने वाले एप बहुत हैं और ग्राहक उनकी चपेट में आ रहे हैं। फौरन लोन देने के नाम पर मोटी फीस लेकर चंपत हो जाने वाले एप की संख्या सैकड़ों हो गई है।

By Manish MishraEdited By: Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:38 PM (IST)
Instant Loan Through App: Customers Are Getting Trapped In The Name Of Instant Loan (Pic: pixabay.com)
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संकट के इस दौर में मोबाइल पर एप के जरिये तुरंत लोन देने वालों की तादाद बड़ी तेजी से बढ़ी है। इनमें झांसा देने वाले एप बहुत हैं और ग्राहक उनकी चपेट में भी आ रहे हैं। फौरन लोन दे देने के नाम पर मोटी फीस लेकर चंपत हो जाने वाले एप की संख्या सैकड़ों तक पहुंच गई है। कोरोना संकट के मौजूदा दौर में जल्द से जल्द लोन पाने की चाहत रखने वाले लोग ऐसे झांसे में आकर आवेदन करते हैं। ऐसी कंपनियों का मुख्य मकसद आवेदन शुल्क लेकर चपत हो जाना होता है। इस तरह के एप के जरिये 50,000 रुपये तक के कर्ज के लिए अक्सर 100-400 रुपये तक की फीस वसूली जाती है।

मोबाइल एप पर नजर रखने वाली एप्सफ्लायर के मुताबिक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इस वर्ष अब तक लोन देने वालों एप्स का सबसे अधिक इंस्टॉलेशन भारत में ही हुआ है। इससे रैपिड रूपी, मनी व्यू, अर्ली सैलरी समेत अन्य दर्जनों उन एप को खासा नुकसान हुआ है, जो सभी नियमों का पालन करते हुए कर्ज प्रदान करते हैं।

ऐसे बचें धोखेबाजों से

1. असली एप कोई एडवांस फीस नहीं लेते हैं। प्रोसेसिंग फीस अगर लग रही है तो इसे कर्ज की राशि से काटी जाती है।

2. वास्तविक कर्ज प्रदाताओं के फोन, ई-मेल और पता भी दर्ज होता है। इसका सत्यापन कोई भी ग्राहक खुद वहां जाकर सकता है।

3. ग्राहकों को निर्णय लेने के लिए असली कर्जदाता पर्याप्त समय देते हैं। दूसरी ओर ठगी में संलिप्त लोग आनन-फानन में काम निपटाने में रहते हैं।

4. कर्ज देने में 'गारंटी' जैसी कोई बात नहीं होती है। वास्तविक कर्जदाता लोन देने से पहले पूरी तरह छानबीन करते हैं। ठग बिना किसी जांच के लोन का झांसा देते हैं।