ऑनलाइन लोन देने वाले प्लेटफार्म की अच्छे से करें पड़ताल, इन बातों को करें फालो नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
मौजूदा वक्त में वेबसाइट या एप के जरिये लोन से जुड़ी धोखाधड़ी या ज्यादा ब्याज वसूलने की शिकायतें भी बढ़ी हैं। ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए इन बातों पर करें गौर नहीं तो चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2022 07:28 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना महामारी के बाद आनलाइन लोन देने वाली कंपनियों और एप के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। यही कारण है कि बाजार में कई नई कंपनियां वेबसाइट या एप के जरिये लोन उपलब्ध करा रही हैं। इसके साथ ही वेबसाइट या एप के जरिये लिए जाने वाले लोन से जुड़ी धोखाधड़ी या ज्यादा ब्याज वसूलने की शिकायतें भी बढ़ी हैं। आज हम आपके ऐसी वेबसाइट और एप की धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं...
आरबीआइ के पास पंजीकृत हो कंपनी
आप जिस भी वेबसाइट या एप से लोन लेने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनिश्चित कर लें कि उससे संबंधित कंपनी आरबीआइ के पास पंजीकृत हो। इसके अलावा लोन देने वाली कंपनी की ग्राहक रेटिंग और समीक्षाओं की जानकारी भी लें। इससे कर्जदाता कंपनी की संचालन प्रक्रिया की जानकारी मिलेगी और उसके खिलाफ दर्ज अनैतिक व्यवहार की शिकायतों के बारे में भी पता लग जाएगा।
मूल कंपनी के बारे में जानें
कर्ज देने वाली कई वेबसाइट और एप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से जुड़े होते हैं। यह वेबसाइट और एप केवल कर्ज देने के लिए थर्ड पार्टी चैनल के रूप में काम करते हैं। इनके कर्ज से जुड़े ब्याज और वसूली पर एनबीएफसी के नियम लागू होते हैं। ऐसे में कर्ज लेने से पहले वेबसाइट या एप की मूल कंपनी और संबंधित एनबीएफसी के बारे में जानकारी कर लें। ऐसा नहीं करना कई बार जोखिम भरा हो सकता है।स्थानीय स्तर पर संरक्षित हो डाटा
किसी भी ग्राहक की केवाईसी जानकारी की गोपनीयता काफी महत्वपूर्ण है। वैध डिजिटल कर्जदाता सभी डेटा को स्थानीय स्तर पर संरक्षित करते हैं और सलाहकार कंपनियों से नियमित तौर पर डेटा का सुरक्षा आडिट कराते हैं। कंपनी की गोपनीयता नीति के जरिये डेटा संग्रह और संरक्षण के बारे में जानकारी ली जा सकती है।
व्यक्तिगत जानकारी तक न हो पहुंच
आज अधिकांश एप उपयोगकर्ताओं की फोटो गैलरी या कांटैक्ट लिस्ट तक पहुंच की अऩुमति मांगते हैं। यह सुनिश्चित करें कि जिस एप से आप कर्ज ले रहे हैं वो आपकी फोटो गैलरी या कांटैक्ट लिस्ट तक पहुंच की अनुमति तो नहीं मांग रहा है। इससे धोखाधड़ी की गुंजाइश कम हो जाती है। हालांकि, जिम्मेदार कर्जदाता इस जानकारी को गोपनीय व सुरक्षित रखते हैं और इसे तीसरे पक्ष के सामने प्रकट करने से बचते हैं।ब्याज दर का हो स्पष्ट खुलासा
कर्ज देने वाली अधिकांश संस्थाएं जोखिम नीति के आधार पर ब्याज दर तय करती हैं। यह सुनिश्चित कर लें कि वेबसाइट या एप ने ब्याज और सभी शुल्कों का स्पष्ट रूप से खुलासा किया है या नहीं। कर्ज से जुड़े स्वीकृति पत्र में भी इनका स्पष्ट रूप से उल्लेख होने चाहिए।