Move to Jagran APP

अगर सोच समझकर नहीं लिया पर्सनल लोन तो कहीं भारी न पड़ जाए फैसला, यहां जानें डिटेल

अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर हम पर्सनल लोन ले लेते हैं। ऐसे में हम बहुत सी जरूरी चीजों को अनदेखा कर देते हैं जो हमारे लिए बाद में एक समस्या का विषय बन सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि पर्सनल लोन लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 21 Feb 2024 07:30 PM (IST)
Hero Image
पर्सनल लोन तो कहीं भारी न पड़ जाए फैसला, यहां जानें कैसे रहे सुरक्षित
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पर्सनल लोन उस समय काम आता है, जब हमें अचानक पैसों की जरूरत होती है। मगर कभी कभार हम जल्दीबाजी में गलती कर जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप पर्सनल लोन लेते समय सुरक्षित रह सकते हैं।

यहां हम 5 प्वाइंट की बात कर रहे हैं, जिसका ध्यान आप पर्सनल लोन लेते समय रख सकते हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

इंटरेस्ट रेट का रखें ध्यान

  • जैसा कि हम जानते हैं कि पर्सनल लोन सबसे असुरक्षित लोन है, इसलिए बैंक इन लोन के साथ सबसे ज्यादा इंटरेस्ट देता है। इनके ब्याज दर 11% से शुरू होकर 20% तक जा सकता है।
  • ऐसे में आपको ध्यान रखना होगा कि आपको पर्सनल लोन लेते समय हमेशा सबसे कम ब्याज दर का ध्यान रखना होगा।
  • आपको बता दें कि केवल 1 या 2 प्रतिशत से ही आपके लोन की लागत में बहुत अंतर मिलता रहता है।

यह भी पढ़ें - Gold-Silver Price: चढ़ गए सोने-चांदी के दाम, चेक करें क्या है आपके शहर में गोल्ड की कीमत

एक्स्ट्रा चार्ज और फीस का रखें ध्यान

  • आपको बता दें कि बड़े ब्याज के साथ बैंक कभी-कभी कई शुल्क को भी इन लोन के साथ जोड़ देती है। ऐसे में आपको इनका भी ध्यान रखना होगा।
  • आपको बता दें कि इस चार्ज में से प्रोसेसिंग फीस शामिल हो सकता है, जो ऋण के 1-3 प्रतिशत के बीच होता है।
  • हालांकि कभी-कभी बैंकों के पास ऐसे ऑफर होते हैं, जहां उन्हें अपनी प्रोसेसिंग फीस पर छूट मिलती है।
  • इसके अलावा अगर आप लोन को पहले क्लोज कर देते है, तो भी आपको प्री-क्लोज के लिए पेनल्टी देनी पड़ सकती है। इसे आपके बकाया राशि के हिसाब से लगाया जा सकता है।

लोन चुकाने की क्षमता का रखें ध्यान

  • पर्सनल लोन लेते समय यह ध्यान रखना जरूरी है आप कितना लोन वापस चुकाने में सक्षम है।
  • इसी के हिसाब से आपको अपनी ईएमआई बनानी होगी, इसके लिए आप ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
  • इसके लिए आपको ऋण राशि, ब्याज दर और अवधि जैसे विवरण दर्ज करने होंगे और कैलकुलेटर ईएमआई दिखाएगा। आपको ध्यान रखना होगा कि आपकी ईएमआई ऐसी होनी चाहिए कि आप अपनी इनकम पर दबाव डाले बिना इसे चुका सकें।
यह भी पढ़ें - Digital Public Infra: डिजिटल सार्वजनिक ढांचे का जीडीपी में योगदान 0.9 प्रतिशत, 2030 तक तीन गुना वृद्ध‍ि संभव