मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, घर खरीदने वालों को सस्ते में मिलेगा होम लोन, जानें पूरी डिटेल्स
घर बनाने के लिए कई लोग होम लोन लेते हैं। कई लोगों को लोन चुकाने में काफी वक्त लग जाता है। अगले पांच सालों में सरकार रियायती दर पर कर्ज उपलब्ध करवा सकती है। इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले बैंकों द्वारा इस तरह की योजना शुरू करने की संभावना है।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 25 Sep 2023 07:03 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। शहरों में लोगों को घर के लिए रियायती दर पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकार अगले पांच सालों के दौरान 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पर विचार कर रही है। इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले बैंकों द्वारा इस तरह की योजना शुरू करने की संभावना है। यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम आय वाले कर्जदाताओं को ब्याज में सब्सिडी की पेशकश की है।
इसी तरह की एक योजना 2017-2022 के बीच चली थी, जिसके तहत एक करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी प्रदान की गई थी। दरअसल, इस तरह की योजना लाने का एलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचारी से किया था, लेकिन इसका विवरण नहीं दिया गया था। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक नौ लाख रुपये तक का लोन 3-6.5 प्रतिशत की दर पर दिया जाएगा।यह भी पढ़ें: Home Loan Tips: जल्दी चुकाना है होम लोन तो तुरंत कर लें ये काम, बैंक से डील करते समय रहें सावधान
इन लोगों को होगा फायदा
सूत्रों के मुताबिक ऐसे सभी लोग इस योजना के पात्र होंगे जो 50 लाख रुपये से कम का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लेंगे। ब्याज में मिलने वाली छूट लाभार्थियों के आवास ऋण खाते में पहले ही सरकार द्वारा जमा कर दी जाएगी। अगर यह योजना धरातल पर उतरती है तो शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 25 लाख लोगों को लाभ हो सकता है।यह भी पढ़ें: Home loan को करना चाहते हैं जल्दी से रिपेमेंट, फॉलो करें ये टिप्सएक अन्य अधिकारी ने कहा आने वाले समय में एक नई योजना लेकर आ रहे हैं, इससे उन परिवारों को लाभ होगा जो शहरों में रहते हैं, लेकिन किराए की अधिकता के चलते झुग्गी-झोपडि़यो, चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने को मजबूर हैं। बैंकों को फिलहाल किसी तरह की अतिरिक्त मदद नहीं दी गई है, लेकिन जल्द ही इस संबंध में एक बैठक होने की संभावना है। बैंकों ने लाभार्थियों की पहचान करना शुरू कर दिया है।