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NEFT या फंड ट्रांसफर करने से पहले जरूर चेक कर लें, इन बैंक खातों में नहीं जाएंगे पैसे

Salary ऐसा Keyword है जिसे सुनकर हर किसी का ध्‍यान खिंचा चला आता है। और यह अगर कहीं 1 तारीख से लेट हो गई तो पसीने छूटने लगते हैं। इस बार कई लोगों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है कि उनकी सैलरी अब तक खाते में क्रेडिट नहीं हुई।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:16 AM (IST)
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अगर आपकी भी Salary नहीं आई है तो आप भी गौर फरमाइए।
नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Salary ऐसा Keyword है, जिसे सुनकर हर किसी का ध्‍यान खिंचा चला आता है। और यह अगर कहीं 1 तारीख से लेट हो गई तो पसीने छूटने लगते हैं। इस बार कई लोगों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है कि उनकी सैलरी अब तक खाते में क्रेडिट नहीं हुई है। रोजाना HR से पूछ रहे हैं कि उनकी सैलेरी क्‍यों नहीं? वहां से उनको जो भी जवाब मिले। लेकिन बैंकों ने अपनी तरफ से Salary Account वाले ग्राहकों को अलर्ट करना शुरू कर दिया है। अगर आपकी भी Salary नहीं आई है तो आप भी गौर फरमाइए।

प्राइवेट सेक्‍टर के Axis Bank ने कहा है कि RBI की गाइडलाइन पर उसने United Bank of India, Oriental Bank of Commerce, Allahabad Bank, Syndicate Bank, Dena Bank, Vijaya Bank के विलय के बाद इनका IFSC डिसेबल कर दिया है। उसने ग्राहकों से कहा है कि अगर इन बैंकों के ग्राहक आपके खाते में बेनिफिशियरी के तौर पर जुड़े हैं तो उनकी जानकारी डिलीट कर दोबारा रजिस्‍टर करें। इससे आप बड़े नुकसान से बच जाएंगे।

इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय (एएफए) को अनिवार्य किया है। बता दें कि बैंक और भुगतान सुविधा प्रदान करने वाले मंच स्वत: बिलों के भुगतान को लेकर आरबीआई के निर्देश के अनुपालन के लिये अतिरिक्त समय मांग रहे थे। इसलिए आरबीआई ने इसे 1 अक्‍टूबर से लागू किया है।

आरबीआई ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) तथा भुगतान सुविधा देने वाले मंचों समेत सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि कार्ड या प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग कर स्वत: बिल भुगतान (घरेलू या विदेशी) की व्यवस्था में अगर एएफए का अनुपालन नहीं हो रहा है, तो वह व्यवस्था 30 सितंबर, 2021 के बाद जारी नहीं रहेगी।

केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने के उपायों के तहत इस कदम की घोषणा की जिसका मकसद कार्ड के जरिये लेन-देन को मजबूत और सुरक्षित बनाना है। इससे पहले आरबीआई ने संपर्क रहित कार्ड के जरिये भुगतान और कार्ड तथा यूपीआई के जरिये स्वत: बिलों के भुगतान की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी थी। इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है। (Pti इनपुट के साथ)