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Personal Loan vs Credit Card: क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, इमरजेंसी में किसका इस्तेमाल करने में है समझदारी?

क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन दोनों ही अचानक आने वाली वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। लेकिन दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। कई बार लोग जानकारी के अभाव में क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के बीच सही चुनाव नहीं करते और कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों में से कौन इमरजेंसी में फायदेमंद है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 30 Sep 2024 09:00 AM (IST)
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क्रेडिट कार्ड में आपको लोन चुकाने के लिए एक निश्चित समय की मोहलत मिलती है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कई बार हमें अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है। अगर आपने इमरजेंसी फंड का इंतजाम नहीं कर रखा, तो अमूमन आपके पास दो रास्ते बचते हैं। क्रेडिट कार्ड या फिर पर्सनल लोन। ये दोनों ही असिक्योर्ड लोन होते हैं, क्योंकि इसमें आपको कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती। ऐसे में सवाल उठता है कि इमरजेंसी में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर पर्सनल लोन लेना ज्यादा सही रहेगा।

क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान

आज क्रेडिट कार्ड ज्यादातर लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। आप इससे जरूरी बिल पेमेंट्स के साथ शॉपिंग भी कर सकते हैं। आप क्रेडिट कार्ड से एटीएम से नकद पैसे भी निकाल सकते हैं, लेकिन उस पर काफी ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है। हालांकि, आप एक निश्चित चार्ज के साथ क्रेडिट कार्ड से रेंट और स्कूल फीस का पेमेंट कर सकते है। इस पर आपको रिवार्ड पॉइंट्स, गिफ्ट कार्ड्स, वाउचर्स, डिस्‍काउंट और कैशबैक के फायदे मिलते हैं, जो पर्सनल लोन में नहीं हैं।

क्रेडिट कार्ड में आपको लोन चुकाने के लिए एक निश्चित समय की मोहलत मिलती है। यह आपकी बिलिंग साइकल के हिसाब से अधिकतम 45 दिन तक हो सकती है। अगर आपने इस दौरान बकाया चुका दिया, तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा। लेकिन, चूकने की स्थिति में भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ सकता है, जो बैंक के हिसाब से अलग-अलग होता है।

कितना सही रहेगा पर्सनल लोन लेना

अगर आपको एकमुश्त नकद पैसों की जरूरत है, तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। इसमें आपको कुछ जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती है और बैंक आपके कर्ज वापस करने की हैसियत को परखता है। आपकी प्रोफाइल क्लियर होने के बाद बैंक कर्ज की रकम आपके खाते में ट्रांसफर कर देगा। इसमें आपको प्रोसेसिंग फीस भी देनी पड़ सकती हैं, जो बैंक के हिसाब से अलग-अलग होती है।

हालांकि, आपको ध्यान रखना चाहिए कि होम लोन और ऑटो लोन के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्याज दर काफी अधिक हो सकती है, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन होता है। साथ ही, आप इसको एक निश्चित समय से पहले एकमुश्त रकम देकर बंद भी नहीं करा सकते हैं। ऐसे करने की सूरत बैंक आपसे प्री-पेमेंट चार्ज के तौर पर पेनल्टी भी वसूल सकता है। साथ ही, पर्सनल लोन पर जीएसटी भी लगती है।

क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में कौन-सा बेहतर

इसका जवाब आपकी जरूरत पर निर्भर करता है। अगर आपको कुछ ही समय के लिए 20-30 हजार रुपये की जरूरत है या शादी वगैरह के लिए खरीदारी करनी है, तो आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मतलब कि क्रेडिट कार्ड छोटी रकम और कम अवधि के लिए सही रहता है। अगर आप क्रेडिट कार्ड से बड़ी रकम खर्च कर देंगे और उसे समय पर नहीं चुका पाएंगे, तो भारी ब्याज दर आपको कर्ज के जाल में फंसा सकती है।

अगर आप ज्यादा वक्त के लिए बड़ी रकम चाहते हैं और कहीं से पैसों का इंतजाम नहीं हो रहा, तो आपको पर्सनल लोन का रुख करना चाहिए। इसमें कर्ज चुकाने के लिए अधिक वक्त मिल जाता है। EMI को भी आप अपनी कमाई के हिसाब से कम या अधिक करा सकते हैं। इससे आपको कर्ज चुकाने में सहूलियत होती है।

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