Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

RBI 10 फरवरी को कर सकता है बड़े ऐलान, जानिए क्‍या होगा आपकी जेब पर असर

Repo या Reverse Repo rate में कोई बदलाव से कर्ज सस्‍ता होगा या महंगा। जानकारों की मानें तो RBI रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा। हालांकि इससे Loan की ब्‍याज दर पर असर न पड़ने की उम्‍मीद है।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Wed, 09 Feb 2022 02:01 PM (IST)
Hero Image
MPC में जीडीपी या मुद्रास्फीति के पूर्वानुमानों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक गुरुवार को खत्‍म होगी। लेकिन उससे पहले सबकी निगाहें बैठक के बाद निकलने वाले आउटकम पर है। यानि बैठक में क्‍या बड़े फैसले हो सकते हैं, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़े। मसलन Repo या Reverse Repo rate में कोई बदलाव से कर्ज सस्‍ता होगा या महंगा। जानकारों की मानें तो RBI रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा। हालांकि इससे Loan की ब्‍याज दर पर असर न पड़ने की उम्‍मीद है। क्‍योंकि Reverse Repo rate सीधे तौर पर आम आदमी की जेब से नहीं जुड़ा है।

Kotak Mahindra Asset Management Company के CIO लक्ष्‍मी अय्यर के मुताबिक बजट के बाद अब सबकी निगाह एमपीसी की बैठक पर है। FY23 के लिए भारीभरकम उधारी को देखते हुए RBI के लिए OT (ऑपरेशन ट्विस्ट) की घोषणा करने की उम्मीद है जो लंबी अवधि के बॉन्ड यील्ड के लिए एक एंकर के रूप में काम कर सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी की जाएगी और अन्य दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। हमें जीडीपी या मुद्रास्फीति के पूर्वानुमानों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।

आरबीआई की निगाहें मुद्रास्‍फीति पर होंगी

नाइट फ्रैंक इंडिया निदेशक-अनुसंधान विवेक राठी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छी तरह से कोविड तूफान का सामना किया है और सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बनी हुई है। हालांकि, देश में तीसरी लहर और ओमिक्रॉन विस्फोट लंबे समय से चल रही महामारी के प्रभावों को उजागर करता है, जिसका सामना अर्थव्यवस्था को आगे भी करना पड़ सकता है। हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक उपभोक्ता मुद्रास्फीति के स्तर पर कड़ी नजर रखेगा, जिसमें बढ़ोतरी हुई है लेकिन सहनशीलता के दायरे में है। कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण उच्च मुद्रास्फीति की आशंका को देखते हुए त्वरित तरलता के लिए सख्त उपायों की उम्मीद है। हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि अर्थव्यवस्था अंतिम रूप से महामारी की तीसरी लहर से बाहर आने से पहले कुछ समय के लिए प्रमुख नीतिगत दरों को बनाए रखा जाएगा।

इंफ्रा पर खर्च बढ़ाने से मिलेगी मदद

श्रीराम सिटी के एमडी वाईएस चक्रवर्ती के मुताबिक हम 10 फरवरी, 2022 को घोषित की जाने वाली मौद्रिक नीति में 25bps की रिवर्स रेपो दर वृद्धि के साथ रेपो दरों पर यथास्थिति की उम्मीद करते हैं। आरबीआई को बढ़ती मुद्रास्फीति और तरलता पर फोकस करने की आवश्यकता है। मांग के मोर्चे पर 14 जनवरी, 2022 को आए आंकड़ों में कर्ज की नए सिरे से मांग बढ़ी है। इसमें 8% की ऋण वृद्धि दिखा रहा है, लेकिन अभी भी वित्त वर्ष 2019 के 14% के ऋण विकास के स्तर से पीछे है। दिलचस्प बात यह है कि हमने एमएसएमई को रिकॉर्ड लोन मिलते देखा। बजट 2022 का इन्फ्रा खर्च FY 23 में अर्थव्यवस्था को और मदद देगा।