Debit-Credit कार्ड करते हैं इस्तेमाल तो जानिए अब कितना सुरक्षित हो गया आपका डेटा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड के आंकड़े की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के प्रयास के तहत टोकन व्यवस्था (टोकनाइजेशन) का दायरा बढ़ाया है। इसके तहत कार्ड जारी करने वालो को टोकन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में काम करने की अनुमति दी गयी है।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 09 Sep 2021 08:31 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड के आंकड़े की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के प्रयास के तहत टोकन व्यवस्था (टोकनाइजेशन) का दायरा बढ़ाया है। इसके तहत कार्ड जारी करने वालो को टोकन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में काम करने की अनुमति दी गयी है। टोकन व्यवस्था के तहत कार्ड के जरिये लेन-देन को सुगम बनाने को लेकर विशेष वैकल्पिक कोड सृजित होता है। इसे टोकन कहा जाता है। इसके तहत लेन-देन को लेकर कार्ड का ब्योरा देने की जरूरत नहीं पड़ती।
रिजर्व बैंक ने उपकरण आधारित टोकन व्यवस्था को ‘कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन’ (सीओएफटी) सेवाओं तक बढ़ा दिया। इस कदम से व्यापारी वास्तविक कार्ड का ब्योरा अपने पास नहीं रख पाएंगे।‘कार्ड-ऑन-फाइल’ का मतलब है कि कार्ड से जुड़ी सूचना भुगतान सुविधा देने वाले (गेटवे) और व्यापारियों के पास होगी। इसके आधार पर वे भविष्य में होने वाले लेन-देन को पूरा करेंगे।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘...कार्ड जारी करने वालों को कार्ड टोकन सेवा उपलब्ध कराने की अनुमति दी गयी है। यानी वे टोकन सेवा प्रदाता का काम कर सकेंगे। कार्ड ब्योरे के लिये टोकन व्यवस्था ग्राहक की सहमति से काम करेगी। इसके लिये सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय (एएएफ) की जरूरत होगी।’’केंद्रीय बैंक के अनुसार इस निर्णय से कार्ड का विवरण सुरक्षित होगा जबकि कार्ड के जरिये लेन-देन की सुविधा पहले की तरह बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने आरबीआई ने मोबाइल फोन और टैबलेट के अलावा टोकन व्यवस्था के दायरे में लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी, बैंड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित उत्पादों आदि को भी शामिल किया था।
इससे पहले भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुंबई के बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर नियमों के उल्लघंन को लेकर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आरबीआई ने अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए अकोला जिला में स्थित केंद्रीय सहकारी बैंक लि., अकोला (महाराष्ट्र) पर भी दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।