क्या होता है SARFAESI Act? जिसकी मदद से बैंक ईएमआई न चुकाने पर कर लेते हैं प्रॉपर्टी का अधिग्रहण
What is SARFAESI Act - जब भी कोई व्यक्ति लोन ईएमआई का भुगतान नहीं करता है तो बैंक के पास सरफेसी अधिनियम के तहत उसकी गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी पर बिना अदालती हस्तक्षेप के कब्जा करने का अधिकार होता है। अगर कोई बैंक सरफेसी अधिनियम के नियमों का पालन नहीं करते हुए कार्रवाई करता है तो ग्राहक इसके खिलाफ अवाज उठा सकता है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 01:05 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बैंक द्वारा दिए होम लोन की ईएमआई न भरने पर बैंक आपकी प्रॉपर्टी को जब्त कर लेता है। बैंक को अधिकार सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act) से मिलते हैं, जिसकी मदद से वे ईएमआई न चुकाने वाले ग्राहकों की प्रॉपर्टी को बेचकर बकाया रिकवर कर सकते हैं।
क्या होता है SARFAESI Act 2002?
सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act) का पूरा नाम सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट है। ये एक्ट बैंकों और संस्थाओं की बकाया प्राप्त करने में मदद करता है। इस एक्ट के मुताबिक, अगर लोन लेने वाला व्यक्ति ईएमआई का भुगतान नहीं करता है। बिना अदालती दखल के बैंक या लोन देने वाली कंपनी संपत्ति पर कब्जा कर सकती है।
इसके अलावा इस एक्ट के तहत बैंक या लोन देने वाली संस्था उस प्रॉपर्टी की बिक्री कर और लीज पर दे अपने बकाया भुगतान को रिकवर कर सकती है।
क्या होता है इसका प्रोसेस?
इसका पूरा एक प्रोसस होता है। जब कोई ग्राहक 30 दिन तक ईएमआई का भुगतान नहीं करता है तो उसके खाते को स्पेशल मेंशन अकाउंट 1 में डाल दिया जाता है। वहीं, अगर कोई ग्राहक 60 दिन तक ईएमआई का भुगतान नहीं किया जाता है तो स्पेशल मेंशन अकाउंट 2 में इसे डाल दिया जाता है। वहीं, अगर 90 दिन तक ईएमआई का भुगतान नहीं होता है तो अकाउंट एनपीए घोषित कर दिया जाता है।इसके बाद आधिकारिक रूप से लोन लेने वाले ग्राहक को नोटिस भेजा जाता है। जब सही जबाव मिलता या बकाया का भुगतान नहीं किया जाता तो बैंक आगे कि कार्रवाई शुरू करता है। प्रॉपर्टी की नीलामी का नोटिस भी चस्पा कर देता है।