10 हजार फर्जी कंपनियां, सरकारी खजाने को 10 हजार करोड़ का चूना; GST जांच में खुली पोल
सरकार फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के जरिए टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चल रही है। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 16 अगस्त को शुरू हुआ और 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इसी अभियान में फर्जी फर्मों और टैक्स चोरी की रकम का खुलासा हुआ है। सरकार फर्जी जीएसटी पंजीकरण की जांच के लिए सख्त कार्रवाई कर रही और अधिक फिजिकल वेरिफिकेशन हो रहा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। टैक्स अधिकारी सरकारी खजाने को चूना लगाने वाली फर्जी कंपनियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चला रहे हैं। इसमें करीब 10,700 कंपनियों का पता चला है, जिन्होंने सरकारी खजाने को 10,179 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य शशांक प्रिय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एसोचैम के एक कार्यक्रम में बोलते हुए शशांक प्रिय ने यह भी कहा कि भविष्य में टैक्स अधिकारी नए करदाताओं पर उनकी रिस्क प्रोफाइल के आधार पर कुछ प्रतिबंध भी लगा सकते हैं। उन्होंने कहा, "हमें सिस्टम के दुरुपयोग पर बहुत दुख होता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सभी तरीकों का उपयोग करना होगा कि टैक्स चोरी करने वाले रोका जाए। हम आगे चलकर यह पाबंदी भी लगा सकते हैं कि कोई कंपनी एक महीने में कितनी इनवॉइस जारी रख सकती है।"
सीबीआईसी अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार फर्जी जीएसटी पंजीकरण की जांच के लिए सख्त कार्रवाई कर रही है और अधिक फिजिकल वेरिफिकेशन हो रहा है। फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 16 अगस्त को शुरू हुआ और 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों ने 67,970 जीएसटीआईएन की पहचान की है। इनमें से 59 प्रतिशत जीएसटीआईएन या 39,965 का 22 सितंबर तक सत्यापन हो चुका है।
शशांक प्रिय ने कहा, "27 प्रतिशत गैर-मौजूद पाए गए हैं। यह प्रतिशत पिछले अभियान की तुलना में लगभग समान है। हमने 10,179 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है। 2,994 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोका गया है। साथ ही, 28 करोड़ रुपये की वसूली (22 सितंबर तक दूसरे अभियान में) की गई है।"
16 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023 के बीच फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहले अभियान में, जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 संस्थाओं का वजूद ही नहीं पाया गया। पिछले साल पहले विशेष अभियान के दौरान 24,010 करोड़ रुपये की संदिग्ध कर चोरी का पता चला था। उन्होंने कहा कि जीएसटी सिस्टम में डेटा बेमेल की समस्या है, जिसके कारण पिछले वित्त वर्ष में कर अधिकारियों द्वारा एक लाख से अधिक कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।
यह भी पढ़ें : Shankh Air : इंडिगो के दबदबे को चुनौती देगी यूपी की पहली एयरलाइन, एविएशन मिनिस्ट्री से मिली मंजूरी