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SBI Employment Report : बीते दस वर्षों में 12.5 करोड़ लोगों को मिली नौकरियां

आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर एसबीआइ के आर्थिक अनुसंधान विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कृषि को छोड़ भी दिया जाए तो मैन्युफैक्चरिंग और सेवाओं में सृजित नौकरियों की कुल संख्या 2014-23 के दौरान 8.9 करोड़ और 2004-14 के दौरान 6.6 करोड़ है। इसका मतलब है कि हर साल औसतन दो करोड़ से ज्यादा रोजगार का सृजन हुआ।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Thu, 11 Jul 2024 09:12 PM (IST)
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SBI की स्टडी में खुलासा हुआ है कि बीते दस वर्षों में 12.5 करोड़ लोगों को नौकरियां मिलीं।

एजेंसी, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक स्टडी के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-23 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 12.5 करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं। यह 2004-14 के दौरान सृजित हुईं 2.9 करोड़ नौकरियों से चार गुना ज्यादा है।

खूब मिल रहीं नौकरियां 

आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर एसबीआइ के आर्थिक अनुसंधान विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कृषि को छोड़ भी दिया जाए तो मैन्युफैक्चरिंग और सेवाओं में सृजित नौकरियों की कुल संख्या 2014-23 के दौरान 8.9 करोड़ और 2004-14 के दौरान 6.6 करोड़ है।

पीएलएफएस और आरबीआई के केएलईएमएस डाटा के अनुसार, भारत ने 2017-18 से 2021-22 तक 8 करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। इसका मतलब है कि हर साल औसतन दो करोड़ से ज्यादा रोजगार का सृजन हुआ।

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क्या कहते हैं आंकड़ें? 

उद्यम पंजीकरण पोर्टल के आंकड़ों पर नजर डालें तो एमएसएमई मंत्रालय के साथ पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में कार्यरत लोगों की संख्या ने 20 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।

यह संख्या 2022-23 के 12.1 करोड़ नौकरियों के मुकाबले 66 प्रतिशत अधिक है। एमएसएमई में कार्यरत कुल कर्मियों में से 2.32 करोड़ ऐसे सूक्ष्म उद्यमों में काम करते हैं, जो जीएसटी से मुक्त हैं।

2023-24 में मिलीं 4.6 करोड़ नई नौकरियां

केंद्रीय पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि 2023-24 के दौरान लगभग 4.6 करोड़ नई नौकरियों का सृजन हुआ। यह पिछले साल यानी 2022-23 के मुकाबले छह प्रतिशत ज्यादा है।

गोयल ने कहा-

आरबीआइ द्वारा भारत में रोजगार सृजन पर जारी की गई रिपोर्ट दर्शाती है कि कैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने तेजी से नई नौकरियां और नए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। 2022-23 में बेरोजगारी दर बहुत कम यानी 3.2 प्रतिशत थी। मेरा मानना है कि नई नौकरियों के मामले में पीएम मोदी का कार्यकाल सबसे सफल रहा है।

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