डीजल लोको फैक्ट्री के लिए फर्मो में होड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार में रेल इंजन कारखाने लगाने के लिए अमेरिकी व चीनी कंपनियों के बीच होड़ मची है। मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री के लिए तकनीकी बोली लगाने के बाद अब मढौरा डीजल इंजन कारखाने के लिए भी दोनों देशों की कंपनियों ने दावा ठोंका है। मढौरा डीजल लोको फैक्ट्री के लिए चीन की दो कं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार में रेल इंजन कारखाने लगाने के लिए अमेरिकी व चीनी कंपनियों के बीच होड़ मची है। मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री के लिए तकनीकी बोली लगाने के बाद अब मढौरा डीजल इंजन कारखाने के लिए भी दोनों देशों की कंपनियों ने दावा ठोंका है। मढौरा डीजल लोको फैक्ट्री के लिए चीन की दो कंपनियों सीएनआर कॉरपोरेशन व सीएसआर कॉरपोरेशन जबकि अमेरिका की दो कंपनियों जीई ग्लोबल व इलेक्ट्रोमोटिव डीजल इंक (ईएमडी) दौड़ में हैं। रेलवे सफल कंपनियों को अगले माह वित्तीय निविदाएं दाखिल करने के लिए कहेगी। जो कंपनी तकनीकी व वित्तीय पैमानों पर आगे होगी, वह संयुक्तउद्यम में भागीदार बनेगी।
मढौरा डीजल इंजन कारखाना सार्वजनिक-निजी भागीदारी से लगाया जाना है। इसमें रेलवे की 25 फीसद और अधिकतम 100 करोड़ रुपये की इक्विटी भागीदारी होगी। कारखाने पर 2053 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यहां दस सालों में 4500 हार्सपावर के 700 व 6000 हार्सपावर के 300 डीजल इंजन बनाने का प्रस्ताव है। इससे पहले बिहार के ही मधेपुरा में इलेक्ट्रिक इंजन कारखाना लगाने के लिए सक्षम पाई गई छह कंपनियों में दो अमेरिकी, दो चीनी जबकि दो जर्मन शामिल थीं। इसके लिए वित्तीय निविदाएं इस माह के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में मांगी जाने की संभावना है। सार्वजनिक- निजी भागीदारी वाली इस परियोजना में भी रेलवे की 25 फीसद हिस्सेदारी रहेगी।