फरवरी तक 20,000 करोड़ रुपये की GST चोरी पकड़ी गई, 50% की रिकवरी पूरी
जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माणधीन अपार्टमेंट्स और किफायती आवास पर जीएसटी की दर को घटाकर क्रमश पांच और एक फीसद कर दिया गया था।
By Abhishek ParasharEdited By: Updated: Thu, 28 Feb 2019 08:34 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 20,000 करोड़ रुपये की जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) चोरी का मामला सामने आया है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई और कदम उठा रही है।सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स मेंबर जॉन जोसेफ ने कहा कि विभाग जल्द ही रियल एस्टेट सेक्टर के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएगा, ताकि जीएसटी दरों में की गई कटौती के बाद के प्रभावों को समझा जा सके।
जोसेफ ने कहा कि अप्रैल से फरवरी के बीच 20,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जिसमें से 10,000 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने करीब 1500 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉयस को पकड़ा है, जिसके जरिए 75 करोड़ रुपये का क्लेम किया जाना था।जोसेफ ने कहा, 'हम 25 करोड़ रुपये की वसूली कर चुके हैं। बाकी रकम को भी वसूलने की प्रक्रिया चल रही है।'
इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माणधीन अपार्टमेंट्स और किफायती आवास पर जीएसटी की दर को घटाकर क्रमश: पांच और एक फीसद कर दिया गया था। इससे पहले यह दर 12 फीसद और 8 फीसद थी। उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी की दरों को लगातार तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रही है।
जोसेफ ने कहा, 'जो अमीरों के लिए ठीक है, वह गरीबों के लिए ठीक नहीं हो सकता। लेकिन पांच टैक्स स्लैब को दो या तीन स्लैब में मिला दिया जाएगा और इसका फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी।' भारत में जीएसटी की फिलहाल चार दरे हैं, जिसमें 5, 12, 18 और 28 फीसद का स्लैब शामिल है।यह भी पढ़ें: दहशत में चरमराया पाकिस्तानी बाजार, निवेशक निकालने लगे पैसा - 1300 अंक टूटा KSE-100