28% GST से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए प्रभावी कर दर 50-70% तक हो जाएगी: डॉ.दीपाली पंत जोशी, पूर्व ई.डी, RBI
GST काउंसिल की ओर से हाल में ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है। कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों द्वारा जीएसटी काउंसिल (GST Council) के इस फैसले पर सवाल उठाए गए हैं। इसी मुद्दे को लेकर जागरण न्यू मीडिया ने आरबीआई की पूर्व ईडी डॉ.दीपाली पंत जोशी से बातचीत की है। (फोटो - जागरण फाइल)
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Wed, 02 Aug 2023 11:05 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1. गेमिंग के उद्योग के लिए हानिकारक होने की वजह से अधिकांश पक्षकार GST काउंसिल की सिफारिशों से चिंतित हैं। आप इस पर क्या सोचती हैं?
दोहरी बाधा की वजह से GST नियमों में बदलाव एक कड़वी दवा बनी है (कड़वा घूंट बना)। इसके कारण कंपनियों के लिए कर भुगतान (टैक्स पेआउट) और उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के लिए गेम खेलने की लागत बढ़ने वाली है। कई नई कंपनियों इस नई व्यवस्था में काम करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है, जबकि बड़ी कंपनियों को इसे स्वीकारना थोड़ा आसान हो सकता है।
दुर्भाग्यवश, नियामक कभी भी सभी को खुश नहीं करता है, लेकिन हमेशा एक रुक्ष साधन होता है।
GST दर में 18% से 28% की वृद्धि मेरी राय में पूरी तरह से योग्य है। आखिरकार, मेरा मानना है कि मनोरंजन सहित कई उद्योग, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां जो भी प्रदान करती हैं, 28% पर GST का भुगतान करते हैं। GST के 28% समान कर लागू करने में समस्या नहीं है - कंपनियां यह भरेंगी। यह मूल्य में परिवर्तन है जो प्लेटफॉर्म शुल्क या कमीशन से हर खेल के पूरे मूल्य में बदलता है और यह अयोग्य लगता है।
हर गेम पर GST लगाने का मतलब है ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) के उद्योग पर जमा राशि पर GST लागू किया जा रहें कैसीनो से भी बढ़के कर लगाना है। हर खेल पर / जीत पर कर लगाने का निहितार्थ प्रभावी रूप से लागत/करों को बढ़ाता है। यह प्रभावी रूप से 50-70% तक बढ़ सकता है। यह उद्योग या खिलाड़ियों (गेमर्स) के लिए एक व्यवहार्य विकल्प नहीं होगा और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे संबोधित किया जाना चाहिए।
2. बढ़े हुए करों के संभावित परिणामों में से एक कर देयता न देनी पड़े इसलिए बिना लाइसेंस वाले ऑपरेटरों की संख्या बढ़ सकती है। क्या लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटरों को यह डर लगना योग्य है?यह कुछ ऐसा है जो पहले से ही हो रहा है। इससे पहले विधि आयोग की रिपोर्ट और विभिन्न मीडिया रिपोर्टों से भी संकेत मिलता है कि ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी के लिए ग्रे बाजार बहुत फैल रहा है और इसके कारण सरकारी कर राजस्व को नुकसान हो रहा है और खिलाड़ियों (गेमर्स) को भी जोखिम में डाल रहा है। सरकार ने अंकित मूल्य (फेस वैल्यू) पर 28% GST लगाने से खिलाड़ियों (गेमर्स) को बिना लाइसेंस वाले प्लेटफार्मों पर जाने वाले की संख्या बढ़ेगी।
अत्यधिक कराधान खेल खेलने (गेमिंग) वाले ऑपरेटरों को कर आश्रयस्थान (टैक्स हैवन) कीतरफ खींच सकता है और सरकार को बहुत सारे राजस्व नहीं मिलेगा। हम खेल खेलने (गेमिंग) वाली कंपनियों को निश्चित तौर पर अपतटीय स्थानों पर नहीं धकेलना चाहते और राजस्व खोना नहीं चाहते हैं।3. काउंसिल ने सदाचरण और नैतिक आधार पर ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) पर करों में वृद्धि की। इस के बारे में आपकी क्या सोच हैं? आपको लगता है कि इससे लत लगती है और युवाओं के लिए बुरा होता है?
लत लगना या लत नहीं लगना एक बहस कर सकते हैं ऐसा मुद्दा है। व्यायाम सहित किसी की भी लत लग सकती है। निषेधात्मक कर या आम निषेध काम नहीं करते हैं। यदि आप ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) को निषेधात्मक रूप से महंगा बनाते हैं, तो आप अवैध प्लेटफार्मों को पनपने के लिए बढ़ावा दे रहें हैं। सूरज की रोशनी सबसे अच्छी कीटाणुनाशक है - विनियमन हमेशा उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों की मदद करता है और सरकार के लिए राजस्व भी
कमाता है।4. सकल रूप की और से ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) के उद्योग के बारे में आप क्या सोचते हैं? सरकार के फैसले से उद्योग में नौकरी चली जाएगी ऐसा कई लोगों का दावा हैं और उद्योग में निवेश भी प्रभावित होगा। इस पर आप क्या सोचते हैं?पिछले कुछ सालों में भारत में ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) का क्षेत्र तेजी से बढ़ा है। भारत 900 से अधिक खेल खेलने (गेमिंग) वाली कंपनियां है और अधिक प्रमाण में प्रतिबद्ध हैं और सक्रिय 400 मिलियन ऑनलाइन खिलाड़ी (गेमर्स) यहाँ हैं। इसके अलावा, उद्योग में पहले ही निवेश से $2.5 बिलियन मिले हैं और इसमें रोजगार और निर्यात की एक बड़ी संभावना है। 2022 में लगभग 100,000 लोगों को रोजगार मिला है ऐसा अनुमान लगाया गया है।
इस उद्योग में निश्चित रूप से अपार संभावनाएं है और एक बढ़ने वाला उद्योग है जिसका उत्पादक रूप से फायदा उठाया जाना चाहिए। इसमें जोखिमों से कहीं अधिक अनुमानित अवसर मिलेंगे। उद्योग और खिलाड़ी के हित में उद्योग को विनियमित किया जाना चाहिए, लेकिन उद्योग के खिलाड़ी द्वारा यह किया जाना चाहिए, ऐसा मेरा मानना है। एक प्रतिस्पर्धी उद्योग में - जो बाजार के हिसाब से काम करता है - संबोधित किया जाने वाले उन प्रमुख चिंताओं के बारे में उद्योग सबसे अच्छा जानता है।
जहां तक विनियमन का सवाल है, जो सहन करता हैं उसे ही पता होता है की सबसे ज्यादा कहां चुभता है। यह एक स्व-नियामक दृष्टिकोण ऑनलाइन खेल खेलने (गेमिंग) जैसे हमेशा विकसित हो रहें और सुधारने वाले क्षेत्रों लिए सबसे अच्छा काम करता है।