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महंगाई पर बोली वित्त मंत्री, वैश्विक स्थिति से सभी देश प्रभावित, भारत नहीं रह सकता अछूता

देश में छातों का उत्पादन तो होता ही है। छातों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाया गया ताकि MSME को फायदा हो। सीतारमण ने कहा करदाताओं का बेस कुछ साल पहले 5 करोड़ से बढ़कर 9.1 करोड़ हो गया। उन्होंने कहा देश से हर साल 2.5 करोड़ छातों का आयात करते हैं

By NiteshEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 07:39 PM (IST)
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The Finance Bill 2022 passed in Lok Sabha Nirmala Sitharaman Speech
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त विधेयक, 2022 पर लोक सभा में अपने जवाब के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई के लिए वर्तमान वैश्विक स्थिति को जिम्मेदार बताया। कई सांसदों ने पेट्रोल-डीजल के दाम और महंगाई को लेकर सवाल उठाया था। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्थिति का असर भारत पर भी पड़ रहा है। अभी युद्ध की स्थिति है और इसका असर सभी देशों पर पड़ रहा है और भारत इससे अछूता नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि जब ऑयल मार्के¨टग कंपनियां महंगे तेल खरीदेंगी तो उन्हें उसका दाम बढ़ाना पड़ेगा।

युद्ध की वजह से फिलहाल सप्लाई चेन भी बाधित है। लोक सभा में अपने जवाब के दौरान सीतारमण ने यह भी कहा कि 1951 में कोरिया युद्ध से भारत में महंगाई बढ़ गई थी जबकि उस समय अभी की तरह पूरा विश्व एक दूसरे से नहीं जुड़ा हुआ था। अभी तो हम विश्व से पूरी तरह से जुड़े हैं तो इसका प्रभाव निश्चित रूप से पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 1951 में तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद ने खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने पर कोरिया युद्ध को जिम्मेदार बताया था।

कोरोना काल में 32 देशों ने बढ़ाया टैक्स, भारत ने नहीं

वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक पर अपने जवाब के दौरान कहा कि कोरोना काल के दौरान दुनिया के 32 देशों ने किसी न किसी रूप में टैक्स बढ़ाया। लेकिन भारत में किसी प्रकार का टैक्स नहीं बढ़ाया गया। पिछले साल और इस साल पेश किए गए बजट में भी टैक्स के माध्यम से आम आदमी पर कोई भार नहीं दिया गयाउन्होंने कहा कि हमारे सांसद साथी ने कारपोरेट टैक्स में कटौती के मसले को उठाया था। इस बारे में मैं सदन को यह बताना चाहती हूं कि कारपोरेट टैक्स में कटौती से अर्थव्यवस्था को मदद मिली है और इससे मौद्रिक प्रवाह को बढ़ावा मिला है। कोरोना से पहले के वित्त वर्ष 2018-19 में 6.6 लाख करोड़ रुपए कारपोरेट टैक्स से मिले थे जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में कारपोरेट टैक्स से अब तक 7.3 लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं। टैक्स का दायरा भी बढ़ा है।

एमएसएमई की मदद के लिए छाता पर बढ़ाया शुल्क

वित्त मंत्री ने बताया कि बजट में छाते के आयात पर शुल्क इसलिए बढ़ाया गया ताकि एमएसएमई को इससे मदद मिल सके। एक ही देश से 2.5 करोड़ छाते का आयात किया जा रहा है। शुल्क बढ़ाने से आयात कम होगा और एमएसएमई के छाता उद्योग को फिर से निर्माण का मौका मिलेगा।