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5 दिन ऑफिस आने का खत्म हो जाएगा ट्रेंड, हाइब्रिड ही होगा देश का भविष्य: हर्ष गोयनका

Harsh Goenka On 70 Hours Work Debate इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में देश में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने को लेकर हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात कही थी। इसी कड़ी में नारायण मूर्ति के इस बयान पर आरपीजी एंटरप्राइजेज (RPG Enterprises) के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने नारायण मूर्ति के इस बयान के उलट अपनी बात रखी है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 31 Oct 2023 01:11 PM (IST)
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हाइब्रिड ही होगा देश का भविष्य: हर्ष गोयनका

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में देश में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने को लेकर हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बात कही थी। इसी कड़ी में नारायण मूर्ति के इस बयान पर आरपीजी एंटरप्राइजेज (RPG Enterprises) के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) की प्रतिक्रिया सामने आई है।

हर्ष गोयनका ने रखी अपनी बात

हर्ष गोयनका ने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट में नारायण मूर्ति के इस बयान के उलट अपनी बात रखी है।

वे अपने लेटेस्ट पोस्ट के साथ लिखते हैं कि हाइब्रिड वर्क ही देश का वर्तमान और भविष्य होगा। इतना ही नहीं, 5 दिन ऑफिस आने का ट्रेंड भी समय के साथ पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

नया ट्रेंड होगा गेम चेंजर

गोयनका अपने पोस्ट में लिखते हैं कि वर्तमान में लोग अपने काम का 33 प्रतिशत समय रिमोटली यानी बिना ऑफिस आए ही कर रहे हैं। 5 दिन ऑफिस आने का ट्रेंड खत्म हो गया है और यह गेम चेंजर साबित होगा।

🌟 Hybrid work…— Harsh Goenka (@hvgoenka) October 30, 2023

काम में लचीलापन उतना ही जरूरी है जितना कि 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी। हम जिस चीज को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं वह काम में लचीलापन और रोजाना ऑफिस आने को स्किप करना है।

रोजाना ऑफिस न आकर हाइब्रिड ही सही

वे अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि ऑफिस और रिमोट वर्क के साथ हाइब्रिड का तरीका ही वर्तमान और भविष्य है। 50 से 70 घंटे काम करना आपकी खुद की महत्वाकांक्षाओं और उद्देश्यों को लेकर ही हो सकता है। बदलाव को स्वीकार करें, काम के नए तरीके को अपनाएं। ऑफिस और घर के बीच पसंदीदा जगह को खोजें। आपके कामकाजी जीवन में वास्तव में क्या मायने रखता है। यह उन चीजों को प्राथमिकता देने का समय है।

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नारायण मूर्ति ने कही थी ये बात

दरअसल, नारायण मूर्ति ने कहा था कि भारत की प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है। दूसरे देशों से प्रतिस्पर्धा के लिए भारत को खुद में सुधार करने की जरूरत है। भारत में लोगों को 50 से 70 घंटों तक काम करने की जरूरत है, इसी के साथ देश का विकास हो सकता है।