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53rd GST Council meeting: इन प्रोडक्ट और सर्विस के बदल गए जीएसटी रेट, फटाफट चेक करें पूरी लिस्ट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वित्त मंत्रियों के इस साथ इस बैठक में उनके विचार जाने। इसके बाद जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जीएसटी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास सेवाओं के लिए 20000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह तक छूट दी है। हालांकि इसके लिए शर्त भी रखी गई है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Published: Sun, 23 Jun 2024 11:41 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2024 11:41 AM (IST)
53rd GST Council meeting: किन प्रोडक्ट और सर्विस के बदले जीएसटी रेट

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 53rd GST Council meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Nirmala Sitharaman) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श की अध्यक्षता की।

इसी के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वित्त मंत्रियों के इस साथ इस बैठक में उनके विचार जाने। इसके बाद जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं-

छात्रावास सेवाओं के लिए छूट की घोषणा

जीएसटी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास सेवाओं के लिए 20,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह तक छूट दी है।

हालांकि, इस छूट का फायदा केवल तभी लिया जा सकेगा जब छात्र कुल 90 दिनों तक छात्रावास में रहता है। दरअसल, यह शर्त होटलों को छूट का फायदा उठाने से रोकने के लिए कारगर मानी गई है।

रेलवे से जुड़ी सेवाओं के लिए छूट की घोषणा

जीएसटी परिषद ने रेलवे टिकटों की खरीद, वेटिंग रूम और क्लॉक रूम शुल्क के भुगतान को जीएसटी से छूट दी है। इसी के साथ बैटरी से चलने वाले वाहनों और इंट्रा-रेलवे सेवाओं पर जीएसटी नहीं लिया जाएगा।

दूध के डिब्बों पर कर की कम दर

बीते शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में दूध के डिब्बे पर जीएसटी रेट कम करने का फैसला लिया गया।

दूध के डिब्बों, सौर कुकरों, बक्सों और फलों की पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले डिब्बों पर ब्याज की दर को 18% से घटाकर 12% करने की सिफारिश हुई।

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जीएसटी के बाद सस्ते हुए कई प्रोडक्ट के दाम

मालूम हो कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद और नई कर व्यवस्था में दरों में लगातार कटौती के बाद कई आम इस्तेमाल की वस्तुओं के दाम कम हो गए हैं। जहां आटे पर पहले 3.5% कर लगता है, वहीं अब जीएसटी व्यवस्था में आटे पर कोई कर नहीं लगता है।

सैनिटरी नैपकिन पर पहले 12% कर लगता था, यह भी अब कर के दायरे में नहीं आता। 

 


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