GST फैक्ट्स: 6 अहम बातें जो हर बिजनेसमैन और टैक्सपेयर को पता होनी चाहिए
देश में जीएसटी लागू होने के बाद सभी बिजनेसमैन और टैक्सपेयर को इन छह बातों के बारे में पता होना चाहिए
नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर कानून एक जुलाई से देशभर में लागू हो गया है। जानकारों की मानें तो जीएसटी केंद्र और राज्य स्तर पर 17 तरीके के टैक्स और 23 तरीके के सेस खत्म कर देगा। यह सेंट्रल टैक्स के साथ कुछ ड्यूटी जैसे कि एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, काउंटर वेलिंग ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी) और सेंट्रल चार्ज, सेस के साथ साथ कुछ स्थानीय राज्य करों को भी खत्म कर देगा। कुछ ऐसे मद होंगो जिनमें दोहरा कर मसलन स्टेट/ यूनियन टेरिरिटी जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी दोनों लगेंगे। इसके अलावा, अंतर-राज्यीय आपूर्ति पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) लगाया जाएगा जो कि सीजीएसटी और एसजीएसटी/यूटीजीएसटी का सम होगा।
पेट्रोलियम उत्पादों अर्थात् पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्प्रिट, विमानन टरबाइन ईंधन और प्राकृतिक गैस को आने वाले दिनों में जीएसटी के अंतर्गत लाया जाएगा ऐसी तारीख से जीएसटी के दायरे के तहत लाई जाएगी, जिसे अधिसूचित किया जा सकता है, इसकी तारीख के बारे में जल्द ही परिषद की सिफारिश पर घोषणा की जा सकती है। वहीं एल्कोहल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
हम आपको जीएसटी से जुड़ी 6 बातें बताने की कोशिश करेंगे जो आपको जाननी ही चाहिए...
सवाल:क्या है जीएसटी?
जवाब: जीएसटी पूरे देश में लागू एक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है और इसका उद्देश्य पूरे देश में एक बाजार की स्थापना करना है। यह वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगने वाला एकल कर है, जो कि मैन्यूफैक्चरर से लेकर कंज्यूमर तक से वसूला जाएगा। हर चरण पर किए गए कर भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा मिलेगा। ऐसे में जीएसटी में किसी वस्तु पर उतना ही टैक्स लगेगा जितना की उसकी कीमत बढ़ेगी।
सवाल:क्या हैं जीएसटी के फायदे?
जवाब: जीएसटी के कई स्तर पर फायदे देखे जा सकते हैं।
बिजनेस और इंडस्ट्री के लिए-
ईजी कंप्लाइंस:
एक मजबूत और व्यापक आईटी प्रणाली भारत में जीएसटी शासन की नींव होगी। इसलिए, सभी करदाता सेवाओं जैसे पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि करदाताओं के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे जो अनुपालन को आसान और पारदर्शी बनाएगा।
कर की दरों और उनकी संरचना में एकरूपता:
जीएसटी यह सुनिश्चित करेगी कि अप्रत्यक्ष कर दरों और संरचनाएं देश भर में आम हैं जिससे व्यापार करने में निश्चितता और आसानी हो रही है।
प्रतिस्पर्धा के बढ़ाएगा:
कारोबार के दौरान लेनदेन लागत में कमी व्यापार और इंडस्ट्री में बेहतर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी।
निर्माता और निर्यातकों के लिए लाभ:
जीएसटी में प्रमुख केंद्रीय और राज्य करों को समाहित करने से, इनपुट गुड्स एंड सर्विसेज का पूर्ण और व्यापक सेट-ऑफ और केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) से बाहर होने से स्थानीय स्तर पर निर्मित माल और सेवाओं की लागत में कमी आएगी।
उपभोक्ताओं को फायदा:
केंद्र और राज्य द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष करों के कारण, जिनमें वैल्यू एडिशन की प्रोग्रेसिव स्टेज पर किसी भी तरह का इंकंप्लीट और कोई भी इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं है। देश में अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत आज कई छिपे हुए करों से कारण ज्यादा है। जीएसटी के तहत, निर्माता से लेकर उपभोक्ता तक सभी को केवल एक ही कर चुकाना होगा जो कि टैक्स के मामले में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
टैक्स के बोझ से राहत:
इफीसिएंशी गेन और रिसाव की रोकथाम के कारण अधिकांश वस्तुओं पर कुल कर का बोझ कम हो जाएगा,जिससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
सवाल: जीएसटी के आने के बाद केंद्र और राज्य स्तर के कौन कौन से कर खत्म हो जाएंगे?
जवाब: जीएसटी के बाद ये निम्नलिखित टैक्स खत्म हो जाएंगे।
केंद्र स्तर पर ये कर होंगे खत्म-
- सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
- एडिशनल एक्साइज ड्यूटी
- सर्विस टैक्स
- एडिशनल कस्टम ड्यूटी (काउंटरवेलिंग ड्यूटी)
- स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम
राज्य स्तर पर खत्म होंगे ये कर-
- स्टेट वैल्यू एडेड टैक्स/सेल्स टैक्स
- मनोरंजन कर
- ऑक्ट्रॉय और एंट्री टैक्स
- पर्चेज टैक्स
- लग्जरी टैक्स
- लॉटरी, बैटिंग और गैंबलिंग पर टैक्स
सवाल: क्या हैं जीएसटी की दरें?
जवाब: इसके अंतर्गत जीएसटी की पांच दरें काउंसिल की ओर से प्रस्तावित की गई हैं। 0,5,12,18,28 फीसद।
सवाल: वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति पर केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) एक साथ कैसे लगाया जाएगा?
जवाब: वस्तु एवं सेवाओं की आपूर्ति के हर लेनदेन पर केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी एक साथ लगाए जाएंगे, छूट के दायरे में आने वाले और जीएसटी से बाहर के सामानों को छोड़कर। साथ ही 20 लाख टर्नओवर से कम सीमा वाले पहलू का भी इसमें ध्यान रखा जाएगा।
सवाल: जीएसटी के तहत रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रियाओं की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
जवाब: जीएसटी के तहत रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रियाओं की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं...
• कॉमन रिटर्न केंद्र और राज्य दोनों के ही उद्देश्यों की पूर्ति करेंगे।
• जीएसटी बिजनेस प्रोसेस में रिटर्न फाइलिंग के लिए आठ तरह के फॉर्म उपलब्ध करवाए गए हैं। अधिकांश करदाता अपने रिटर्न दाखिल करने के लिए केवल चार रूपों का उपयोग करेंगे। ये आपूर्ति के लिए वापसी, खरीद के लिए वापसी, मासिक रिटर्न और वार्षिक रिटर्न हैं।
• वहीं छोटे करदाता जिन्होंने कंपोजीशन स्कीम ले रखी है उन्हें तिमाही आधार पर रिटर्न फाइल करना होगा।
• रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और ऑनलाइन माध्यम से ही टैक्स का भुगतान किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: GST की मुश्किलों को SBI ने किया आसान, 25,000 ब्रांच पर 10,000 रुपए तक के चालान का कर सकेंगे कैश भुगतान