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ग्रामीण क्षेत्रों से FMCG कंपनियों को उम्मीदें, वित्त वर्ष में 7-9 प्रतिशत रह सकती है राजस्व में वृद्धि

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक रबिंद्र वर्मा का कहना है कि उत्पाद श्रेणी और कंपनियों के लिहाज से राजस्व में वृद्धि अलग-अलग रह सकती है। ग्रामीण मांग में सुधार के कारण चालू वित्त वर्ष में फूड एंड बेवरेजेस (एफएंडबी) श्रेणी के राजस्व में 8-9 प्रतिशत तक की वृद्धि रह सकती है। इसी तरह पर्सनल केयर श्रेणी के राजस्व में 6-7 प्रतिशत तक की वृद्धि रह सकती है।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Sat, 06 Jul 2024 09:13 PM (IST)
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वित्त वर्ष 2023-24 में एफएमसीजी क्षेत्र के राजस्व में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान (फोटो- AI जेनरेटेड)
पीटीआई, कोलकाता। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एफएमसीजी क्षेत्र के राजस्व में 7-9 प्रतिशत की वृद्धि रह सकती है। एजेंसी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार और शहरी मांग के स्थिर रहने से राजस्व में वृद्धि रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023-24 में एफएमसीजी क्षेत्र के राजस्व में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया गया है।

राजस्व में वृद्धि की उम्मीद

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक रबिंद्र वर्मा का कहना है कि उत्पाद श्रेणी और कंपनियों के लिहाज से राजस्व में वृद्धि अलग-अलग रह सकती है। ग्रामीण मांग में सुधार के कारण चालू वित्त वर्ष में फूड एंड बेवरेजेस (एफएंडबी) श्रेणी के राजस्व में 8-9 प्रतिशत तक की वृद्धि रह सकती है। इसी तरह पर्सनल केयर श्रेणी के राजस्व में 6-7 प्रतिशत और होम केयर श्रेणी के राजस्व में 8-9 प्रतिशत तक की वृद्धि रह सकती है।

इससे पहले ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने भी अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया था कि 2024 में FMCG सेक्टर की ग्रोथ 7-9 प्रतिशत रह सकती है। उसका कहना था कि दमदार सरकारी नीतियों की वजह से उपभोग बढ़ रहा है, साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई है कि FMCG सेक्टर को मुद्रास्फीति दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस का यह भी कहना था कि अभी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस थोड़ा कमजोर है। इसका मतलब कि उपभोक्ता गैरजरूरी सामानों पर खर्च करने से बच सकते हैं। लेकिन, फिर भी FMCG सेक्टर अच्छी ग्रोथ कर सकता है, क्योंकि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा रही है। इससे लोगों के हाथ में पैसे आने की उम्मीद है।

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