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PM LPG Welfare Schemes: 75 लाख नए कनेक्शन को मंजूरी, जानें उज्जवला योजना से देश में कैसे बढ़ी LPG कवरेज

PM Schemes for LPG कल कंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार के फैसले की घोषणा की जिसमें घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती की घोषणा की गई। एक आंकड़ो के मुताबिक अप्रैल 2023 तक घरेलू गैस की खपत 105 प्रतिशत तक बढ़ी है। चलिए जानते हैं कि सरकार ने एलपीजी कवरेज बढ़ाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए हैं।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 30 Aug 2023 09:30 PM (IST)
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सरकार ने एलपीजी कवरेज का विस्तार करने के लिए अब तक कौन-कौन से कदम उठाए?
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: कल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का एलान करते हुए घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की घोषणा की थी।

इस एलान के बाद देश के ज्यादातर शहरों में सिलेंडर की कीमत 1,000 रुपये से नीचे चली गई। एलपीजी की सस्ती कीमत आज यानी बुधवार 30 अगस्त से लागू हो गई है।

इसके अलावा कल सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडर पर भी 200 रुपये की अतिरिक्त छूट देने की घोषणा की थी। आपको बता दें कि इस योजना के तहत सरकार पहले से ही 200 रुपय की सब्सिडी दे रही थी और अब अतिरिक्त 200 रुपये की सब्सिडी से लाभार्थियों को कुल 400 रुपये सस्ता गैस सिलेंडर मिलेगा।

इस कटौती के बाद उज्ज्वला योजना के सिलेंडर की कीमत 703 रुपये हो गई है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी एलान किया कि सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख नए कनेक्शन देगी जिसके बाद प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी।

देश में एलपीजी की कीमतों में हुए कटौती के कई मायने निकाले जा रहे हैं, कुछ लोग इसे रक्षाबंधन पर देश की महिलाओं को इसे सरकार का तोहफा बता रहे हैं तो वहीं कुछ इसे इस साल के अंत में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प रहेगा कि सरकार ने एलपीजी कवरेज का विस्तार करने के लिए अब तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं।

1. पहल (प्रत्यक्ष हस्तान्तरित लाभ): एलपीजी सिलेंडरों को सब्सिडी वाली कीमतों पर उपलब्ध कराने के बजाय, उन्हें बाजार कीमतों पर बेचा गया, और सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई। इससे "गोस्ट" खातों और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए घरेलू सिलेंडरों के अवैध उपयोग में कमी आई, और यह सुनिश्चित हुआ कि केवल इच्छित लाभार्थियों को लाभ मिले।

2. GIVE IT UP: सरकार ने जबरदस्ती सब्सिडी हटाने के बजाय, लोगों को स्वेच्छा से अपनी सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। व्यापक प्रचार के माध्यम से, लाखों लोगों ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ दी, जिससे सरकार को उन लोगों को सब्सिडी देने में मदद मिली जिन्हें वास्तव में एलपीजी सिलेंडर प्राप्त करने में सहायता की आवश्यकता थी।

3. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): पहल और GIVE IT UP की सफलता के आधार पर, सरकार ने 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था जो अभी भी पारंपरिक चूल्हे में मजबूरी में खाना पका रहे थे।

4. उज्ज्वला 1 में, सरकार द्वारा वहन की गई कुल लागत: 1600 रुपये (सिलेंडर सुरक्षा जमा + पाइप + बुकलेट + रेगुलेटर)। तेल कंपनियों ने उपभोक्ताओं को (पहले सिलेंडर में एलपीजी गैस + गैस स्टोव) के लिए 2000 रुपये का आसान लोन दिया, जिसे लंबी अवधि में उनके खातों में हस्तांतरित सब्सिडी से काट लिया गया।

5. इसके बाद 2021 में उज्ज्वला 2 में, लोन का भुगतान भी सरकार ने किया। सरकार प्रत्येक उज्ज्वला कनेक्शन बनाने के लिए 3600 रुपये दे रही है, इसके अलावा बाद में प्रति रिफिल 200 रुपये की सब्सिडी भी दे रही है।

6. शुरुआत में सरकार ने 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का लक्ष्य रखा था जो भारी मांग के कारण आसानी से पूरा हो गया जिसके बाद सरकार ने लक्ष्य को बढ़ा कर 8 करोड़ कर दिया। इसके अलावा सरकार ने अधिक वंचित वर्गों को शामिल करने के लिए पात्रता मानदंड का विस्तार किया जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि एलपीजी कनेक्शन की आवश्यकता वाले सभी गरीब परिवार इस योजना से लाभान्वित हो सकें।

7. जब 8 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन पूरा होने की निर्धारित लक्ष्य तिथि से 7 महीने पहले 7 सितंबर 2019 को जारी किया गया था।

8. सरकार ने आवश्यकता को महसूस करते हुए और जरूरतमंद लोगों के लाभ के लिए उज्ज्वला 2.0 को लॉन्च किया। जमा मुक्त एलपीजी कनेक्शन के साथ, उज्ज्वला 2.0 लाभार्थियों को पहली रीफिल और हॉटप्लेट मुफ्त में दिया जाता था।

9. जिन प्रवासियों के पास उचित पते के प्रमाण की कमी है, उनका समावेश सुनिश्चित करने के लिए, उज्ज्वला 2.0 में एक विशेष प्रावधान पेश किया गया था, जो उन्हें पहचान और पते के प्रमाण के रूप में स्व-घोषणा के साथ एलपीजी कनेक्शन के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाता है।

10. उज्ज्वला 2.0 के तहत अन्य 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2022 को हासिल किया गया था।

11. इन प्रयासों की बदौलत, भारत में एलपीजी कवरेज में उल्लेखनीय सुधार हुआ, जो अप्रैल 2023 तक 105.1 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो अप्रैल 2014 में 55.9 प्रतिशत था। इसके अतिरिक्त, पीएमयूवाई के कार्यान्वयन ने एलपीजी वितरण प्रणाली में लगभग एक लाख रोजगार के अवसर पैदा किए।

12. PMUY ग्राहकों के बीच एलपीजी को अपनाने से घरेलू एलपीजी खपत वित्त वर्ष 2013-14 में 14,411 टीएमटी से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 25,381 टीएमटी हो गई, जो खाना पकाने के तरीकों में सुधार और घरेलू वायु प्रदूषण को कम करने में सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।