पहले अगर पेंशनभोगी अपनी लोकेशन या बैंक ब्रांच बदलता था तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उसे पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) को ट्रांसफर कराने के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी। लेकिन नए सिस्टम के लागू होने के बाद इसकी जरूरत नहीं होगी। इससे खासकर उन पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी जो रिटायरमेंट के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) को मंजूरी दे दी। इससे कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत 78 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का हिस्सा है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया का कहना है कि ईपीएस पेंशनभोगी 1 जनवरी, 2025 से भारत में कहीं भी किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन हासिल कर सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार, पेंशनभोगियों को पेंशन शुरू होने के समय किसी भी सत्यापन के लिए शाखा में जाने की भी जरूरत नहीं होगी। नए सिस्टम से ईपीएफओ को फायदा मिलेगा। उसकी पेंशन वितरण लागत में बड़ी कमी आने की उम्मीद है।
CPPS की मंजूरी ईपीएफओ के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पेंशनभोगी लंबे वक्त से पेंशन अकाउंट बदलवाने को लेकर परेशान रहते थे। लेकिन, अब सरकार ने उन्हें देश में कहीं भी किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त करने में सक्षम बना दिया। इससे उनकी कई परेशानियां खत्म हो जाएंगी, जो काफी लंबे समय से बनी हुई थीं। इससे पेंशन बांटने का सिस्टम भी काफी बेहतर हो जाएगा।
डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री
पेंशनभोगियों क नए सिस्टम से क्या फायदा होगा?
पहले अगर पेंशनभोगी अपनी लोकेशन या बैंक, ब्रांच बदलता था, तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उसे पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) को ट्रांसफर कराने के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी। लेकिन, अब इसकी जरूरत नहीं होगी। केंद्रीकृत प्रणाली से पेंशनभोगी चाहे अपना लोकेशन, बैंक या ब्रांच बदल ले, उसे PPO के लिए माथापच्ची किए बगैर अपनी पेंशन मिल जाएगी। इससे खासकर उन पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो रिटायरमेंट के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी थी। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को एक सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन मिलेगी। इस योजना से करीब 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। अगले चरण में सरकार आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) में बदलाव करने वाली है।