महंगे कच्चे तेल, सोने और केमिकल के आयात ने बढ़ाई महंगाई: SBI Report के अनुसार आयातित मुद्रास्फीति 13 महीने के उच्चस्तर पर
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार भारत की आयातित मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोना तेल और रसायनिक उत्पादों के अधिक आयात के चलते आयातित मुद्रास्फीति देश की समग्र मुद्रास्फीति में तेजी से योगदान दे रही है। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़ें...
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आयातित मुद्रास्फीति सितंबर, 2024 में दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। आयातित मुद्रास्फीति किसी देश में आयात होने वाले उत्पादों की उच्च लागत के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में होने वाली वृद्धि है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोना, तेल और रसायनिक उत्पादों के अधिक आयात के चलते आयातित मुद्रास्फीति देश की समग्र मुद्रास्फीति में तेजी से योगदान दे रही है। आयात में यह वृद्धि विशेष रूप से सोने के आयात के चलते बढ़ी है। सितंबर, 2024 में 10.06 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया, जो पिछले साल इसी महीने के 4.94 अरब डॉलर के दोगुने से ज्यादा है।
अकेले अगस्त 2024 में, मूल्य के लिहाज से सोने के आयात में 103.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल-अगस्त 2024-25 की अवधि में आयात में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, मात्रा के लिहाज से, सोने के आयात में मिश्रित रुझान देखा गया, अगस्त में 62.24त्न की वृद्धि हुई, लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान 2.18 टन की गिरावट आई। बढ़ती आयातित मुद्रास्फीति ऐसे समय आई है, जब भारत की समग्र मुद्रास्फीति भी बढ़ रही है। भारत में खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में 5.5 प्रतिशत के नौ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि अगस्त में यह 3.65 प्रतिशत थी, जो मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि से प्रेरित थी।