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Adani AGM 2024: बंदरगाह से लेकर ऊर्जा तक, हर मोर्चे पर कर रहे हैं तरक्की; गौतम अदाणी बोले- सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकि

अदाणी एंटरप्राइजेज लि. के शेयरधारकों की सालाना बैठक में गौतम अदाणी ने बताया कि उनके ग्रुप का बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार पहले से मजबूत हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि 2032 तक भारत 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि रिपोर्ट में हमारी सालों की मेहनत पर सवाल उठाया गया।

By Agency Edited By: Subhash Gariya Published: Mon, 24 Jun 2024 08:31 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2024 08:31 PM (IST)
सोमवार को आयोजित हुई अदाणी एंटरप्राइजेज लि. की एजीएम

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रसिद्ध कारोबारी गौतम अदाणी ने सोमवार को कहा कि उनका बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़ा समूह पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और इसका सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है। उन्होंने इसके लिए रिकार्ड कमाई, नकदी की मजबूत स्थिति और सबसे कम कर्ज अनुपात का हवाला दिया।

10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा भारत

अदाणी ने कहा कि भारत 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और बुनियादी ढांचे के 20-25 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में समूह एक बुनियादी ढांचा कंपनी होने के नाते आने वाले इस अवसर का लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है।

समूह की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लि. के शेयरधारकों की सालाना बैठक में उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, "हमें एक विदेशी निवेश और 'शार्ट सेलर' कंपनी के निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में हमारी दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया गया। हमारी ईमानदारी और साख को कठघरे में खड़ा किया गया। पर हमने डटकर मुकाबला किया और साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उस नींव को कमजोर नहीं कर सकती जिस पर आपका समूह स्थापित है।"

सामान्यत: शार्ट सेलर का मकसद बाजार से लाभ हासिल करना होता है, लेकिन यह कुछ अलग था। यह दोतरफा हमला था। एक तरफ हमारी वित्तीय स्थिति को लेकर आलोचना की गयी, दूसरी तरफ समूह की छवि बिगाड़ने के लिए अभियान चलाया गया और हमें सियासी लड़ाई में घसीटा गया।

गौतम अदाणी

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उन्होंने रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि समूह ने अगले दो साल के कर्ज भुगतान के लिए 40,000 करोड़ रुपये जुटाए, मार्जिन-लिंक्ड वित्तपोषण से जुड़े 17,500 करोड़ रुपये का पूर्व-भुगतान किया, ऋण में कटौती की तथा व्यापार पर और बेहतर तरीके से ध्यान देना शुरू किया।

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