Adani Enterprises: फिर से शॉर्ट टर्म ASM फ्रेमवर्क में डाले गए शेयर, जानिए क्या है इसकी वजह
अदाणी ग्रुप्स की कई कंपनियों में से एक Adani Enterprises को एडिशनल सर्विलांस मेजर (ASM) में डाला गया है। आखिर क्या है इसकी वजह क्यों एक्सचेंज ने ये बड़ा फैसला लिया है आइए इसके बारे में जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) को शॉर्ट टर्म के लिए एएसएम के फ्रेमवर्क (ASM Framework) के तहत डालने का फैसला लिया है। इसके लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। ये सर्कुलर आज यानी 25 मई 2023 (गुरुवार) से जारी होगा।
ये फैसला अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए लिया गया है। इसी के साथ अब इनके शेयरों पर निगरानी भी बढ़ा दी जाएगी।
इसकी जानकारी बीएसई और एनएसई दोनों ने बुधवार को अलग-अलग सर्कुलर जारी करके दी। इस सर्कुलर में बताया गया है कि अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों को शॉर्ट-टर्म के लिए एएसएम फ्रेमवर्क के स्टेज-1 लिस्ट में डाला गया है। एक्सचेंज द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, मार्जिन की लागू दर 50 फीसदी या मौजूदा मार्जिन से ज्यादा होगी। वहीं मार्जिन की अधिकतम दर 100 फीसदी होगी। इससे पहले अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों को मार्च में शॉर्ट-टर्म एएसएम फ्रेमवर्क से बाहर किया गया था।
शॉर्ट-टर्म एएसएम फ्रेमवर्क के तहत किसी भी शेयरों का चुनाव उसकी भारी उतार-चढ़ाव, क्लाइंट का ज्यादा ध्यान देने के लिए, मार्केट कैपिटलाइजेशन या वॉल्यूम में भारी बदलाव, डिलवरी की फीसदी और कारोबार के समय छुए हुए प्राइस बैंड की संख्या के आधार पर लिया जाता है।
कल अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों की कीमत कितनी थी? (Adani Enterprises Share Price)
अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर बुधवार को बाजार बंद के समय 6 फीसदी से गिरकर 2,475 रुपये हो गई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के एक्सपर्ट पैनल के बयान के बाद 3 दिनों में ही 39 फीसदी की तेजी आई थी। इस बयान में पैनल ने बताया कि मार्केट रेगुलेटर सेबी को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में किसी भी तरह का कोई हेर-फेर का सबूत नहीं मिला है।
क्या है एएसएम फ्रेमवर्क? (What is ASM Framework)
सेबी और शेयरों बाजार ने रिस्क में कमी और सटॉक्स में भारी उतार-चढाव पर निगरानी के लिए साल 2018 में एएसएम की व्यवस्थी पेश की थी। निवेशकों के हितों की रक्षा और बाजार में ईमानदारी बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया था। एएसएम में स्टॉक्स एक्सचेंज की कीमतों में अचानक उतार-चढ़ाव के लिए इनवेस्टर्स को वार्निंग दी जाती है।