Adani ग्रुप Green Hydrogen क्षेत्र में करेगा 50 अरब डॉलर का निवेश, जापानी कंपनी Kowa से हुई पार्टनरशिप
महीनों से वित्तीय विवादों में उलझे अदाणी समूह ने ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में 50 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। कंपनी यह निवेश 10 साल में करेगी और भारत में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर से जुड़े सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की कोशिश करेगी। आपको बता दें कि इस क्षेत्र में इतना बड़ा निवेश करने वाली अदाणी ग्रुप पहली भारतीय कंपनी है।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 14 Sep 2023 06:21 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन: पिछले कई महीनों से वित्तीय विवाद में फंसे अदाणी समूह ने ग्रीन हाइड्रोडन सेक्टर में 50 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। यह निवेश कंपनी 10 वर्षों में करेगी और इससे भारत में ग्रीन हाइड्रोडन सेक्टर से जुड़े सभी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की कोशिश होगी।
किसी भारतीय कंपनी द्वारा यह सबसे बड़ा निवेश?
भारत सरकार की तरफ से ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की घोषणा के बाद यह किसी भारतीय कंपनी की तरफ से घोषित सबसे बड़ी निवेश योजना है।
कंपनी की योजना दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन की बिक्री की है। कंपनी ने जापान की कंपनी कोवा ग्रूप के साथ मिल कर बराबर साझेदारी का एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है ताकि ताइवान, जापान व हवाई क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात किया जा सके।
वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा समझौता
हाल के महीनों में वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में किया गया यह सबसे बड़ा समझौता है। अदाणी समूह की तरफ से जानकारी दी गई है कि 50 अरब डॉलर की निवेश योजना से शुरू में ही देश में 10 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू हो सकेगा।ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर क्या है भारत का लक्ष्य?
अगले 10 वर्षों में कंपनी 30 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन हो सकेगा। याद रहे कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत में वर्ष 2030 तक 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोडजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।जनवरी, 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था। इसके तहत करीबन 19,744 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। ग्रीन हाइड्रोजन रिनीवेबल सेक्टर से बनी बिजली से ईंधन बनाने की विधि है।