टाटा के बाद अदाणी ग्रुप भी लगाएगा सेमीकंडक्टर प्लांट, इजरायल की मिलेगी मदद
भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने के लिए जोरशोर से कदम उठा रहा है। टाटा ग्रुप दो सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहा है। अब अरबपति कारोबारी कारोबारी गौतम अदाणी का अदाणी ग्रुप भी सेमीकंडक्टर बनाने की दौड़ में शामिल हो गया है। टाटा के बाद अदाणी ग्रुप भी लगाएगा अदाणी समूह अभी तक बंदरगाह ट्रांसमिशन सीमेंट और कोयला कारोबार में हैं और चिप निर्माण समूह के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा।
रॉयटर्स, नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी का अदाणी समूह और इजरायल का टावर सेमीकंडक्टर महाराष्ट्र में 10 अरब डॉलर (83 हजार करोड़ रुपये) की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएंगे। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी। भारत ने वैश्विक चिप कंपनियों को देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को दुनिया का चिपमेकर हब बनाने का लक्ष्य रखा है।
सेमीकंडक्टर की राह मुश्किल
ताइवान की फॉक्सकॉन ने पिछले साल जुलाई में भारतीय कंपनी वेदांता लिमिटेड के साथ 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर ज्वाइंट वेंचर से हाथ खींच लिया था। इतना ही नहीं अबुधाबी स्थित नेक्स्ट आर्बिट वेंचर्स और टावर सेमीकंडक्टर भारत में तीन अरब डॉलर की लागत से एक उद्यम लगाने का एलान किया था, लेकिन बाद में यह योजना भी ठप हो गई। हालांकि शुरुआती असफलताओं के बावजूद भारत को उम्मीद है कि 2026 तक उसका सेमीकंडक्टर बाजार 63 अरब डॉलर का हो जाएगा।
अदाणी समूह अभी तक बंदरगाह, ट्रांसमिशन, सीमेंट और कोयला कारोबार में हैं और चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना उनके समूह के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस संयंत्र में शुरुआत में 40 हजार वेफर्स बनाए जाएंगे।
विदेशी निवेश में महाराष्ट्र अव्वल
चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 की पहली तिमाही के दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, महाराष्ट्र को अप्रैल से जून के दौरान 70,795 करोड़ रुपये का एफडीआई मिला है।कर्नाटक 19,059 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आकर्षित करके दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली 10,788 करोड़ रुपये के साथ तीसरे, तेलंगाना 9,023 करोड़ रुपये के साथ चौथे, गुजरात 8,508 करोड़ रुपये के साथ पांचवें, तमिलनाडु 5,818 करोड़ रुपये के साथ छठे, उत्तर प्रदेश 370 करोड़ रुपये के साथ आठवें और राजस्थान 311 करोड़ रुपये के साथ नौवें स्थान पर है।
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