Explainer : Sebi चीफ तक पहुंची आंच, हिंडनबर्ग और अदाणी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
Adani vs Hindenburg Research हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें अदाणी ग्रुप पर शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इससे अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। अब हिंडनबर्ग ने इस मामले में सेबी चीफ को भी लपेट लिया है। आइए जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और भारत के दिग्गज कारोबारी घराने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के बीच अदावत पिछले करीब डेढ़ साल से चल रही है। इस जंग ने रविवार को नया मोड़ लिया, जब हिंडनबर्ग ने हितों के टकराव (Conflict of Interest) के मुद्दे पर कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच को भी लपेटे में ले लिया।
कब शुरू हुआ हिंडनबर्ग-अदाणी विवाद?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल जनवरी में एक रिपोर्ट जारी की। इसमें अदाणी ग्रुप के खिलाफ गलत तरीके से शेयरों के दाम बढ़ाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में 150 अरब डॉलर की बिकवाली हुई। कंपनी ने कई बार दोहराया कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया, फिर भी 18 महीनों में उसके स्टॉक पूरी तरह से रिकवर नहीं कर पाए।
कौन हैं गौतम अदाणी और हिंडनबर्ग रिसर्च?
गुजरात के रहने वाले गौतम अदाणी अरबपति कारोबारी हैं। स्कूल ड्रॉप-आउट अदाणी का बिजनेस पोर्ट्स, पावर जेनरेशन, एयरपोर्ट्स, माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, सीमेंट और मीडिया तक फैला है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने से पहले वह एशिया के सबसे रईस शख्स थे। लेकिन, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से उनकी नेटवर्थ में भारी गिरावट आई।
वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च की बात करें, तो इसकी नींव 2017 में नाथन एंडरसन ने रखी थी। यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है, जिसका इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स एनालिसिस करना है। हिंडनबर्ग रिसर्च दावा करती है कि वह कॉरपोरेट वर्ल्ड में गलत तरीके कामकाज करने वाली कंपनियों का पर्दाफाश करती है और उन कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन बनाकर कमाई करती है।
अदाणी ग्रुप पर क्या था हिंडनबर्ग का आरोप?
पिछले साल हिंडनबर्ग ने खुलासा किया कि उसने यू.एस.-ट्रेडेड बॉन्ड और नॉन-इंडया-ट्रेडेड डेरिवेटिव के माध्यम से अदाणी ग्रुप की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन रखी थी। हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट भी जारी की और इसमें अदाणी ग्रुप पर टैक्स हैवेन देशों का अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया और अपने शेयरों की कीमत बढ़वाई। उसने कंपनी के अधिक कर्ज लेने पर भी चिंता जताई। अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया।