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Additional Surveillance Measure: क्या होता है ASM फ्रेमवर्क, क्यों इस लिस्ट में शामिल की जाती हैं कंपनियां

Effect of Additional Surveillance Measure Framework on Stocks in Trading एएसएम लिस्ट में किसी शेयर को शामिल करने का उद्देश्य उसके उतार-चढ़ाव को कम करना है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से... (फोटो - जागरण ग्राफिक्स)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Thu, 13 Apr 2023 11:10 AM (IST)
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Additional Surveillance Measure (ASM) Framework in Trading
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपने पिछले कुछ महीनों में सुना होगा कि अदाणी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्टसेलर फर्म हिंडनबर्ग की ओर से रिपोर्ट आने के बाद शेयर बाजार नियामकों द्वारा ग्रुप के कुछ शेयरों को एएसएम लिस्ट में डाल दिया गया। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर एएसएम लिस्ट क्या होती है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

ASM लिस्ट क्या है?

एएसएम लिस्ट को एएसएम फ्रेमवर्क भी कहा जाता है। इसमें किसी भी शेयर को कीमत और वॉल्यूम में अत्याधिक उतार-चढ़ाव होने के आधार पर शामिल किया जाता है। इसका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करने के साथ उन्हें अलर्ट करना है।

ASM लिस्ट के मापदंड

किसी भी शेयर को एएसएम लिस्ट शामिल करने के लिए नियामक द्वारा सिक्योरिटी को कुछ मापदंडों पर परखा जाता है, जो कि कुछ इस प्रकार हैं।

  • शेयर के भाव में अधिक उतार-चढ़ाव
  • शेयर में लगातार अपर या फिर लोअर सर्किट लगना
  • वॉल्यूम में उतार-चढ़ाव
  • पीई रेश्यो
  • डिलीवरी प्रतिशत
  • बाजार पूंजीकरण

कितने प्रकार की होती है ASM लिस्ट?

ASM लिस्ट दो प्रकार की होती है। पहला - लॉन्ग टर्म एएसएम लिस्ट और दूसरा - शॉर्ट टर्म एएसएम लिस्ट। मापदंडों के आधार पर ही शेयरों को अलग-अलग लिस्ट में शामिल किया जाता है।  लॉन्ग टर्म एएसएम लिस्ट की चार स्टेज होती हैं, जबकि शॉर्ट टर्म एएसएम लिस्ट की दो स्टेज होती हैं।

ASM लिस्ट में शेयर के शामिल होने पर निवेशक को क्या करना चाहिए

किसी भी शेयर को एएसएम लिस्ट में शामिल करने पर निवेशकों को घबराने की जरूरत है, क्योंकि ये कदम नियामकों की ओर से निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जाते हैं। इसका उद्देश्य शेयर में उतार-चढ़ाव को कम करना होता है।