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आदित्य बिड़ला ग्रुप अब ज्वैलरी रिटेल बिजनेस में करेगा एंट्री, 5,000 करोड़ रुपये का होगा निवेश

आदित्य बिड़ला ग्रुप अब ज्वैलरी में अपनी किस्मत अजमाने जा रही है। आदित्य बिड़ला ग्रुप इसके लिए बकायदा 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। आंकड़ों के अनुसार देश में आभूषण बाजार के 2025 तक 90 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 06 Jun 2023 02:55 PM (IST)
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Aditya Birla Group will now enter in jewellery retail business, will invest Rs 5,000 crore
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: टेलीकॉम, टेक्सटाइल, सीमेंट, मेटल सहित अन्य सेक्टर में अपना कारोबार फैलाने के बाद अब आदित्य बिड़ला समूह ब्रांडेड ज्वैलरी के रिटेल बिजनेस में अपना हाथ अजमाने जा रहा है।

आदित्य बिड़ला ग्रुप ने आज कहा कि इसके लिए ग्रुप 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस बिजनेस में एंट्री के बाद बिड़ला समूह का सीधा सामना कल्याण ज्वैलर्स और टाटा की तनिष्क ब्रांड से होगा।

क्या होगा नाम?

आदित्य बिड़ला समूह के एक बयान में कहा गया है कि ज्वैलरी बिजनेस का नाम “नॉवेल ज्वेल्स” (Novel Jewels) होगा। बयान में समूह ने कहा कि इस बिजनेस के लिए आदित्य ग्रुप देश भर में नॉवेल ज्वेल्स इन-हाउस ज्वैलरी ब्रांडों के साथ बड़े प्रारूप वाले एक्सक्लूसिव ज्वैलरी रिटेल स्टोर खोलेगा।

भारतीय ग्राहकों के पास नया विकल्प

आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि ज्वैलरी बिजनेस ग्रपु के बिजनेस पोर्टफोलियो को और विकसित करेगा और भारतीय ग्राहकों को ज्वैलरी में अन्य विकल्प भी प्रदान करेगा।

कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारतीय की बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ वो समझदार हो गए हैं और उन्हें डिजाइन-आधारित उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों ज्यादा पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले से लाइफस्टाइल रिटेल में मौजूद हैं और अब ज्वैलरी बिजनेस उपभोक्ता वरीयताओं की बारीक समझ को समझने में मदद करेगा।

क्या है उद्देश्य?

कंपनी का लक्ष्य देश में डिजाइन आधारित, बीस्पोक और उच्च गुणवत्ता वाले आभूषणों की बढ़ती मांग को पूरा करना है। कंपनी ने कहा कि नॉवेल ज्वेल्स यूनिक डिजाइन और देश की अलग-अलग क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से एक राष्ट्रीय ब्रांड बनाकर ग्राहकों के अनुभव को बदलने की कोशिश करेगा।

आदित्य बिड़ला की नॉवेल ज्वेल्स बाजार में तनिष्क, कल्याण ज्वैलर्स, रिलायंस ज्वेल्स जैसे रिटेल बिजनेस में अपना व्यापार जमा चुके ब्रांड़ो के साथ टक्कर लेगी।

भारत के रत्न और आभूषण बाजार का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान है। आपको बता दें कि आभूषण बाजार के 2025 तक 90 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।