एक्जिट पोल के अनुमानों के बाद, शेयर बाजारों में आज रिकॉर्ड तेजी की संभावना; इन शेयरों को मिल सकता है बंपर फायदा
Share Market News सभी एक्जिट पोल (Exit Poll 2024) में भाजपा नीत गठबंधन सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीदों के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है मोदी सरकार के फिर से आने से आर्थिक सुधार भविष्य में भी जारी रहेंगे और इससे देश के वित्तीय बाजार को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
रॉयटर्स, मुंबई। सभी एक्जिट पोल (Exit Poll 2024) में भाजपा नीत गठबंधन सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीदों के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है मोदी सरकार के फिर से आने से आर्थिक सुधार भविष्य में भी जारी रहेंगे और इससे देश के वित्तीय बाजार को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
हालांकि कुछ अर्थविदों का यह भी मानना है कि चूंकि एक्जिट पोल का रिकॉर्ड खराब रहा है और अक्सर नतीजे उनसे मेल नहीं खाते हैं, इसलिए बाजार खुलने पर निवेशक सतर्कता बरत सकते हैं। मुंबई स्थित एडलवाइस म्यूचुअल फंड में इक्विटी के मुख्य निवेश अधिकारी त्रिदिप भट्टाचार्य ने कहा, 'एक्जिट पोल राजनीतिक स्थिरता और मजबूत जनादेश का संकेत देते हैं और यह भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए एक बड़ी संजीवनी है। निवेशकों को अगले पांच वर्षों में सतत आर्थिक वृद्धि, मजबूत पूंजीगत व्यय चक्र और दूसरे अन्य सुधारों के लिए तैयार रहना चाहिए।'
एचडीएफसी बैंक को मिल सकता है फायदा
फिडेंट एसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी ऐश्वर्य दधीच ने कहा कि भारत के एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 सूचकांक सोमवार को बढ़ोतरी हो सकती है। ब्रोकरेज फर्म क्वांटम सिक्योरिटीज के निदेशक नीरज दीवान ने कहा कि इस तेजी का लाभ एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस और टीसीएस के साथ उन कंपनियों को मिल सकता है, जिनमें विदेशी हिस्सेदारी है।विदेशी निवेशकों ने मई में तीन अरब डॉलर की निकासी की
निवेश फर्म सुंदरम अल्टरनेट्स के प्रबंध निदेशक विकास सचदेवा ने कहा कि लंबी अवधि में इसका लाभ पूंजीगत सामान, बुनियादी ढांचा और कमोडिटी कंपनियों को हो सकता है। नीरज दीवान का मानना है कि विदेशी निवेशकों ने मई में तीन अरब डॉलर की निकासी की है और चुनाव शुरू होने से पहले हेजिंग बढ़ा दी थी। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद ये निवेशक बड़े पैमाने पर एक बार फिर वापस आ सकते हैं।
एमके के मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के प्रवाह से रुपये पर दबाव बढ़ेगा, जिसे केंद्रीय बैंक बाजार हस्तक्षेप के माध्यम से रोकने का प्रयास कर रहा है और इससे बांड की कीमतों में तेजी आएगी।
राजकोषीय घाटे को कम करना जारी रखेगी सरकार
यूबीएस सिक्योरिटीज ने 24 मई को जारी एक नोट में कहा था कि भूमि और श्रम कानूनों में बदलाव जैसे कठोर सुधार भाजपा द्वारा जीती गई सीटों की संख्या पर निर्भर करेंगे। खास बात यह है कि अपने घोषणापत्र में, भाजपा ने रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और कल्याणकारी कार्यक्रमों का विस्तार करने का वादा किया, लेकिन भूमि और श्रम नियमों में बदलाव का वादा करने से परहेज किया।