भारत के कृषि निर्यात में आई तगड़ी गिरावट, पिछले वित्त वर्ष में एग्रीकल्चर जीडीपी भी लुढ़की; ये बड़ी वजहें बनीं विलेन
एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) बास्केट में 719 अनुसूचित कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान 6.85 प्रतिशत घटकर 22.4 अरब डालर रहा। जबकि अप्रैल-फरवरी 2022-23 में यह 24 अरब डालर था। बास्केट में शामिल 24 प्रमुख वस्तुओं में से 17 में इस दौरान सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। आइएपूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। देश का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 8.8 प्रतिशत घटकर 43.7 अरब डालर रहा। इसका मुख्य कारण लाल सागर संकट, रूस-यूक्रेन युद्ध और चावल, गेहूं, चीनी तथा प्याज जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर लगाए गए घरेलू प्रतिबंध हैं।
GDP में गिरावट
वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-फरवरी अवधि में कृषि निर्यात 47.9 अरब डालर रहा था। देश के कृषि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। यह 2023-24 में केवल 0.7 प्रतिशत बढ़ा, जो 2022-23 में 4.7 प्रतिशत थी।
क्या कहते हैं आंकड़े?
एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) 'बास्केट' में 719 अनुसूचित कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान 6.85 प्रतिशत घटकर 22.4 अरब डालर रहा। जबकि अप्रैल-फरवरी 2022-23 में यह 24 अरब डालर था। बास्केट में शामिल 24 प्रमुख वस्तुओं में से 17 में इस दौरान सकारात्मक वृद्धि देखी गई है।यह भी पढ़ें- 21 दिनों में रिकॉर्ड लोगों ने किया ट्रेन से सफर, इतने यात्रियों को कैसे संभाल रहा रेलवे
इसमें ताजे फल, भैंस का मांस, प्रसंस्कृत सब्जियां, बासमती चावल और केला शामिल हैं। मूल्य के संदर्भ में बासमती चावल का निर्यात 22 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल-फरवरी 2023-24 में 5.2 अरब डालर रहा। यह अप्रैल-फरवरी 2022-23 में 4.2 अरब डालर था।
निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास
सरकार केला, आम, आलू और बेबी कार्न सहित 20 कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक कार्ययोजना तैयार कर रही है। वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि इनमें से प्रत्येक उत्पाद के लिए कार्ययोजना अगले 3-4 महीनों में तैयार होने की संभावना है। अग्रवाल ने कहा कि जिन 20 उत्पादों की पहचान की गई है, उनका 2022 में वैश्विक व्यापार 405.24 अरब डालर था, जिसमें भारत का निर्यात 9.03 अरब डालर था।
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