कृषि उपज को अब आसानी से मिलने लगेगा बाजार, ONDC प्लेटफार्म पर पांच हजार FPO पंजीकृत
ओएनडीसी से एफपीओ के संबद्ध होने से डिजिटल मार्केटिंग ऑनलाइन भुगतान बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन कारोबार सशक्त बन सकेगा। इस व्यवस्था को केंद्र सरकार ने 6865 करोड़ रुपये के बजटीय प्रविधान के साथ वर्ष 2020 में शुरू किया था। इसके तहत दस हजार एफपीओ बनाना है। प्रत्येक एफपीओ को तीन वर्ष के लिए 18 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि पैदावार को ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से आसानी से बेहतर बाजार तक पहुंचाने का काम तेजी से आगे बढ़ा है। इसके तहत आठ हजार पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में पांच हजार को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पोर्टल से जोड़ दिया गया है। इससे देश के किसी भी हिस्से में खरीदारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
एफपीओ का गठन कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है। इससे लागत में कमी और उत्पादकता में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ गांवों में ही रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
वर्ष 2020 में शुरू हुई थी यह व्यवस्था
ओएनडीसी से एफपीओ के संबद्ध होने से डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन कारोबार सशक्त बन सकेगा। इस व्यवस्था को केंद्र सरकार ने 6,865 करोड़ रुपये के बजटीय प्रविधान के साथ वर्ष 2020 में शुरू किया था। इसके तहत दस हजार एफपीओ बनाना है। अभी तक आठ हजार बन चुके हैं। एफपीओ के माध्यम से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों का बाजार से संपर्क तेजी से बढ़ा है।1,101 एफपीओ को 246 करोड़ की क्रेडिट गारंटी
प्रत्येक एफपीओ को तीन वर्ष के लिए 18 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। संस्थागत ऋण को आसान बनाने के लिए एफपीओ के प्रत्येक सदस्य को दो-दो हजार रुपये तक मैचिंग इक्विटी अनुदान देने और ऋण देने वाली संस्थाओं से प्रति एफपीओ दो करोड़ रुपये के परियोजना ऋण की क्रेडिट गारंटी सुविधा का प्रविधान किया गया है। अभी तक 1,101 एफपीओ को 246 करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी गई है। साथ ही 145.1 करोड़ रुपये की मैचिंग इक्विटी उनके बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित कर दिया गया है। इससे 10.2 लाख से अधिक किसान जुड़े हुए हैं।