AI और न्यू एनर्जी अब रिलायंस का नया मंत्र, आम आदमी के लिए तकनीक सुलभ करने पर रहेगा फोकस
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस का न्यू एनर्जी कारोबार चालू होने के 5 से 7 वर्षों में ही उतनी कमाई करने लगेगा जितनी हमारा तेल गैस या रसायन वाला कारोबार करता है। कंपनी ने कच्छ में बंजर भूमि को पट्टे पर लिया है। इस बंजर भूमि में अगले 10 वर्षों में लगभग 150 अरब यूनिट बिजली पैदा होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों से देश का प्रमुख उद्योग समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अपने कारोबार की प्रकृति में बदलाव का संकेत दे रही थी और गुरुवार को कंपनी की 47वें सालाना आम बैठक में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस बारे में विधिवत घोषणा कर दी। उन्होंने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और नई प्रौद्योगिकी कंपनी का नया मूल मंत्र होगा।
रिलायंस ग्रुप की कंपनी जियो ब्रेन जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म लांच करेगी। कनेक्टेड इंटेलिजेंस, विश्व स्तरीय इंफ्रा के साथ यह सर्विस “एआई एवरीवेयर फॉर एवरीवन'' की थीम पर यह लांच होगी, जिसका इस्तेमाल आम आदमी आसानी से कर सकेगा। कंपनी ने हर शेयर पर एक शेयर बतौर बोनस देने का एलान किया है। 5 सितंबर, 2024 को निदेशक बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।
रिलायंस में छंटनी की खबरों को खारिज किया
रिलायंस चेयरमैन ने अपने समूह की कंपनियों में नौकरियों में कटौती की खबरों को खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिलायंस ने वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तव में कुल 1.7 लाख नई नौकरियां दी हैं। कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर अब 6.5 लाख से अधिक हो गई है। मुकेश अंबानी ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में गिरावट की वजह कर्मचारियों द्वारा नौकरी के एक अलग मॉडल चुनाव था न कि उनका निकाला जाना।मुकेश अंबानी ने कहा, ''रोजगार सृजन की प्रकृति वैश्विक स्तर पर बदल रही है, जिसका मुख्य कारण तकनीकी हस्तक्षेप और लचीले व्यापार मॉडल हैं। इसलिए, सिर्फ पारंपरिक प्रत्यक्ष रोजगार मॉडल के बजाय, रिलायंस नए प्रोत्साहन-आधारित जुड़ाव मॉडल को अपना रहा है। इससे कर्मचारियों को बेहतर कमाई करने में मदद मिलती है और उनमें उद्यम की भावना पैदा होती है। यही कारण है कि प्रत्यक्ष रोजगार संख्या वार्षिक आंकड़ों में थोड़ी गिरावट दिखी है, जबकि कुल रोजगार में वृद्धि हुई है।'
न्यू एनर्जी कारोबार से होगी भारी कमाई
अंबानी ने कहा कि रिलायंस का न्यू एनर्जी कारोबार चालू होने के 5 से 7 वर्षों में ही उतनी कमाई करने लगेगा, जितनी हमारा तेल, गैस या रसायन वाला कारोबार करता है। कंपनी ने कच्छ में बंजर भूमि को पट्टे पर लिया है। इस बंजर भूमि में अगले 10 वर्षों में लगभग 150 अरब यूनिट बिजली पैदा होगी। जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लगभग 10 फीसद के बराबर होगी।
साथ ही इस साल के अंत तक सौर ऊर्जा में इस्तेमाल होने वाले फोटो-वोल्टाइक मॉड्यूल का उत्पादन शुरू कर देंगे। अगली तिमाहियों में पूरा एकीकृत सौर उत्पादन सुविधाओं का पहला चरण पूरा हो जाएगा। इसमें मॉड्यूल, सेल, ग्लास, वेफर, इंगोट और पॉलीसिलिकॉन शामिल हैं, जिनकी शुरुआती वार्षिक क्षमता 10 गीगावॉट है। जामनगर में 30 गीगावॉट वार्षिक क्षमता वाली एक एकीकृत उन्नत रसायन-आधारित बैटरी विनिर्माण सुविधा का निर्माण शुरू कर दिया है। अगले साल की दूसरी छमाही तक उत्पादन शुरू हो जाएगा।