Move to Jagran APP

Air India होगी किसकी? सरकार जल्‍द करेगी डील जीतने वाले का ऐलान

Air India की बिडिंग को लेकर अभी कोई फैसला नहींं हुआ है। सुबह यह खबर आई थी कि सरकार इसे Tata Sons को देने जा रही है। लेकिन दोपहर बाद इसका खंडन हो गया। सरकार ने कहा कि अभी इसे लेकर फैसला नहीं हुआ है।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Fri, 01 Oct 2021 02:37 PM (IST)
Hero Image
Air India पर है बड़ा कर्ज। कंपनी कई साल से घाटे में है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्‍क। सरकारी एयरलाइन Air India की बोली को लेकर सरकार जल्‍द फैसला कर सकती है। गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्‍व वाला मंत्री समूह इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसका ऐलान इसी हफ्ते होने की उम्‍मीद है। Dipam के मुताबिक अभी Air India के लिए खरीदार का चयन नहीं हुआ है। इसका जल्‍द ऐलान होगा। बता दें कि शुक्रवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा था कि Air India की डील टाटा सन्‍स को जा रही है। हालांकि बाद में Dipam ने Tweet कर इसे खारिज कर दिया।

सरकार ने Air India में अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी को बेचने के लिए बोली प्रक्रिया को शुरू किया है। Air India के विनिवेश के लिए केंद्र सरकार को बुधवार को कई वित्तीय बोलियां मिली थीं। टाटा संस और Spicejet के अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियां जमा की हैं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक संयुक्त बोली लगाई है।

समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक टाटा संस के प्रवक्ता ने बताया कि टाटा ने एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोली जमा की है। Dipam के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्विटर पर कहा कि विनिवेश प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां लेनदेन सलाहकार को मिली हैं। 

सरकार ने राष्ट्रीय वाहक के निजीकरण को तेजी से ट्रैक करने के लिए कई कदम उठाए हैं। हाल ही में, सरकार ने राष्ट्रीय वाहक से एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड, एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) को संपत्ति के हस्तांतरण पर कर माफ करने का फैसला लिया।

अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार निर्दिष्ट करती है कि केंद्र द्वारा अनुमोदित योजना के तहत एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड को अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए एयर इंडिया लिमिटेड को किए गए किसी भी भुगतान पर अधिनियम की धारा 194-आईए के तहत कर की कोई कटौती नहीं की जाएगी।

इसके अलावा, CBDT ने पूर्व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के नए मालिकों को प्रस्तावित निजीकरण प्रक्रियाओं के लिए अधिक रुचि बढ़ाने के लिए भविष्य के मुनाफे के खिलाफ घाटे को आगे बढ़ाने और उन्हें बंद करने की इजाजत दी।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण के दौरान, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसमें एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश में बहुत देरी भी शामिल है। इससे पहले, टाटा सहित कुछ इच्छुक पार्टियों को बोली दौर के लिए चुना गया था। एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौजूदा केंद्र सरकार का यह दूसरा प्रयास है।

महामारी आने से पहले, एयरलाइन ने एक स्टैंडअलोन आधार पर 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन किया। इसके अलावा, इसने कोविड महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया। उस अवधि के दौरान, एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी थे।

(डिस्‍क्‍लेमर: 1 अक्‍टूबर की सुबह समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि Tata Sons ने Air India की बोली जीत ली है। बाद में, दीपम सेक्रेटरी ने इस खबर का खंडन किया है। उसी अनुरूप, खबर में बदलाव किया गया है। )