पायलटों के मसले पर हाई कोर्ट पहुंची एयर इंडिया, जानिए क्या है पूरा मामला
एयर इंडिया ने एक जून को दिए एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने 2020 में 40 पायलटों को नौकरी से निकालने के एयर इंडिया के फैसले को रद कर दिया था।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Thu, 19 Aug 2021 07:21 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। नौकरी से निकाले गए पायलटों को बहाल करने, बकाया राशि व भत्ता देने के एकल पीठ के फैसले को एयर इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है। बुधवार को न्यायमूर्ति राजीव शकधर व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने एयर इंडिया की तरफ से पेश हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई 24 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
एयर इंडिया ने एक जून को दिए एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने 2020 में 40 पायलटों को नौकरी से निकालने के एयर इंडिया के फैसले को रद कर दिया था। साथ ही कर्मचारियों की बकाया राशि व भत्ता देने का भी निर्देश दिया था। वहीं, एयर इंडिया ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ताओं ने स्वयं त्यागपत्र दिया था और इसी के आधार पर 40 से अधिक पायलटों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। इतना ही नहीं, एयर इंडिया पहले से ही करीब 30 हजार करोड़ रुपये के कर्ज से जूझ रही है, लेकिन एकल पीठ ने याचिकाकर्ताओं के हक में फैसला दिया था।
Airbus की सब्सिडियरी UP42 ने भारतीय स्टार्टअप HyperVerge के साथ किया करार
इसी बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक Airbus की सब्सिडियरी UP42 ने भारतीय स्टार्टअप Hyperverge के साथ साझेदारी की है। UP42 ने सेटेलाइट इमेजेज में परिवर्तन का पता लगाने वाले एल्गोरिदम के इस्तेमाल के जरिए इंटेलिजेंस और इनसाइट प्राप्त करने के लिए भारतीय कंपनी के साथ करार किया है।UP42 के सीईओ सीन वीड ने कहा, ''सेटेलाइट इमेजरी की बड़ी तादाद मैन्युअल तरीके से इंटरप्रेटेशन को मुश्किल या यहां तक कि नामुमकिन बना देती है।''
Hyperverge द्वारा विकसित एल्गोरिदम से जरूरी बदलाव के बारे में आसानी से पता चल जाता है।(यह भी पढ़ेंः PPF vs FD: कौन सा माध्यम है निवेश के लिए सबसे बेहतर और किसमें मिलता है ज्यादा रिटर्न जानें पूरी जानकारी)