एयरक्राफ्ट के 10 लाख रुपये से ज्यादा के पार्ट्स खरीदने से पहले लेनी होगी मंजूरी: Air India
एयर इंडिया ने रविवार को एक अहम आदेश जारी किया। कंपनी ने कहा कि एयरक्राफ्ट के 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य वाले नए कल-पुर्जे और पांच लाख रुपये से अधिक मूल्य वाले ऐसे पार्ट्स जिनकी विमान में जरूरत नहीं होती है
By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:03 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। एयर इंडिया ने रविवार को एक अहम आदेश जारी किया। कंपनी ने कहा कि एयरक्राफ्ट के 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य वाले नए कल-पुर्जे और पांच लाख रुपये से अधिक मूल्य वाले ऐसे पार्ट्स जिनकी विमान में जरूरत नहीं होती है, उनकी खरीद डायरेक्ट फाइनेंस अथवा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर फाइनेंस की मंजूरी के बाद ही की जाएगी। अगर विमान के किसी पार्ट्स की मरम्मत में 10 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आना है तो इसके लिए भी पहले एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंजीनियरिंग से मंजूरी लेनी होगी।
यह आदेश एयर इंडिया के डायरेक्टर (फाइनेंस) विनोद हेजमादी द्वारा तब जारी किया गया जब नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने कहा कि एयरलाइन के विनिवेश की कवायद अगले 10 सप्ताह के भीतर पूरी होने की संभावना है। ऐसे में केवल आवश्यक राजस्व और पूंजीगत व्यय ही किया जाना चाहिए। राजीव बंसल एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का प्रभार भी संभाल रहे हैं।टाटा को हम दुधारू गाय नहीं सौंप रहे
एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय का कहना है कि टाटा को हम दुधारू गाय नहीं सौंप रहे हैं। यह एयरलाइन संकट में थी और इसके बिकने से 20 करोड़ रुपये प्रतिदिन करदाताओं के बचेंगे। टाटा को एयरलाइन की गैर-मुख्य संपत्तियां मसलन वसंत विहार में एयर इंडिया की आवासीय कालोनी, मुंबई के नरीमन पाइंट में एयर इंडिया का भवन और नई दिल्ली में कंपनी का भवन भी नहीं मिलेगा।
पांडेय ने कहा कि हमने टाटा समूह को दो साल के लिए इनके इस्तेमाल की अनुमति दी है। दो साल के अंदर हमें इनके मौद्रिकीकरण की योजना बनानी होगी, जिससे इस पैसे का इस्तेमाल विशेष इकाई एआइएएचएल की देनदारियों को पूरा करने के लिए किया जा सके।