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Air India के मर्जर से पहले Vistara ने शुरू की VRS Scheme, नॉन-फ्लाइंग स्टॉफ को मिलेगा लाभ

सिंगापुर एयरलाइन की विस्तारा और टाटा ग्रुप की स्वामित्व वाली एयर इंडिया का मर्जर होने वाला है। मर्जर से पहले विस्तारा एयरलाइन ने नॉन-फ्लाइंग स्टाफ के लिए वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) शुरू करने का एलान किया है। इस स्कीम का लाभ लाइसेंस धारक पायलट और केबिन क्रू को नहीं मिलेगा। एयर इंडिया ने भी इस महीने के शुरुआत में अपनी कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम शुरू किया था।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 30 Jul 2024 02:42 PM (IST)
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नॉन-फ्लाइंग स्टॉफ के लिए शुरू किया VRS Scheme

पीटीआई, नई दिल्ली। विस्तारा (Vistara) और एयर इंडिया (Air India) का जल्द ही मर्जर होने वाला है। अभी तक दोनों एयरलाइन्स ने मर्जर के डेट की घोषणा नहीं की है, लेकिन मर्जर से पहले विस्तारा ने उड़ान सेवा के इतर अन्य कार्यों से जुड़े कर्मचारियों के लिए वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और वॉलेंट्री सेपरेशन स्कीम (VSS) की पेशकश की है। इसकी जानकारी एयरलाइन के अधिकारी ने दी है।

विस्तारा और एयर इंडिया के संयुक्त उद्यम होने वाले हैं। इस दोनों एयरलाइन्स में करीब 6,500 से अधिक कर्मचारी हैं।

नॉन-फ्लाइंग कर्मचारी को मिलेगा ऑप्शन

एयरलाइन अधिकारी ने बताया कि विस्तारा ने नॉन-फ्लाइंग स्थायी कर्मचारियों के लिए वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और वॉलेंट्री सेपरेशन स्कीम (VSS) की पेशकश की गई है। इस योजना का लाभ पाने के लिए कर्मचारी को 23 अगस्त तक आवेदन करना होगा।

वीआरएस योजना का लाभ उन लोगों के लिए है जिन्होंने एयरलाइन में पांच साल की सर्विस पूरी कर ली है, जबकि वीएसएस का लाभ उन कर्मचारियों के मिलेगा जिन्होंने एयरलाइन में अभी पांच साल की सेवा पूरी नहीं की है। ये योजना इस महीने की शुरुआत में टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया के समान ही है।

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इस योजना का लाभ पायलट, केबिन क्रू के मेंबर्स और लाइसेंस रखने वालों पर लागू नहीं होगी। अभी तक विस्तारा ने इसको लेकर कोई अधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि इस महीने की शुरुआत में एअर इंडिया ने उड़ान सेवा के अलावा अन्य कार्यों से जुड़े कम से कम पांच साल तक की सेवा वाले स्थायी कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की है। वहीं,जो कर्मचारी पांच साल से कम समय से काम कर रहे उनके लिए स्वैच्छिक पृथक्करण योजना (वीएसएस) पेश किया गया।

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