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दिवाली से पहले ले लो टिकट, नहीं तो महंगा पड़ेगा हवा में उड़ना

कहने में तो दीपावली आने में अभी 42 दिन है, लेकिन हवाई किराया जिस गति से बढ़ रहा है उसके मुताबिक इस बार दीपावली में हवाई किराए को पंख लगने जा रहे हैं। मुंबई का जो किराया गत वर्ष पंद्रह से बीस हजार के इर्द गिर्द घूमता था इस बार तीस हजार तक जाने के आसार है। इसी तरह दिल्ली का किराया भी बीस हजार तक जा सक

By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
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अंशू दीक्षित, लखनऊ। कहने में तो दीपावली आने में अभी 42 दिन है, लेकिन हवाई किराया जिस गति से बढ़ रहा है उसके मुताबिक इस बार दीपावली में हवाई किराए को पंख लगने जा रहे हैं। मुंबई का जो किराया गत वर्ष पंद्रह से बीस हजार के इर्द गिर्द घूमता था इस बार तीस हजार तक जाने के आसार है। इसी तरह दिल्ली का किराया भी बीस हजार तक जा सकता है।

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होशियार लोगों ने अभी से अपने टिकट कराने शुरू कर दिए हैं। कारण दीपावली में यात्रियों के अनुपात में विमान भी कम पड़ जाते हैं। एजेंट कहते हैं कि 5 नवंबर को मुंबई का किराया दस हजार व दिल्ली का किराया छह हजार के आसपास पहुंच गया है। आम दिनों में दिल्ली का किराया तीन और मुंबई का पांच से छह हजार के बीच रहता है। इसी तरह बेंगलूर का किराया साढ़े तेरह हजार रुपये और कोलकाता का किराया दस हजार पहुंच गया है।

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एजेंट अमित कुमार कहते हैं कि दीपावली का दिन जैसे जैसे नजदीक आएंगे किराया उसी तरह बढ़ता जाएगा। उनके मुताबिक किराए में अभी तीस से चालीस फीसद इजाफा तय है।

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सुबह व रात की फ्लाइट महंगी सुबह व रात की फ्लाइट का किराया दोपहर की फ्लाइट की तुलना में महंगा है। अमूमन सुबह लोग फ्लाइट से अपने गंतव्य पहुंचकर अपना काम करना चाहते हैं। इसी तरह पुरा दिन काम काज करने के बाद कई यात्री रात में जाना चाहते हैं। जिससे उनका दिन खराब न हो। इसलिए विमानों का किराया सुबह व रात का किराया दोपहर की तुलना में ज्यादा महंगा है।

ट्रेन में स्थान न मिलने पर कराएंगे टिकट

कई यात्री ऐसे हैं जो ऐन मौके पर दिल्ली जाने वाली स्वर्ण शताब्दी व लखनऊ मेल जैसी वीआइपी ट्रेनों में वीआइपी कोटे के लिए आवेदन करते हैं। जब बर्थ नहीं मिलती तो मजबूरी में उन्हें विमान सेवा लेनी पड़ती है।

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त्योहारी सीजन कमाऊ सीजनएयरलाइंस के अधिकारी कहते हैं कि सितंबर मध्य से लीन सीजन खत्म हो जाता है। अक्टूबर से पीक सीजन शुरू होता है। ऐसे में चंद माह होते हैं जब हवाई यात्रियों का ग्राफ विमानों में बढ़ता है। विमानों में सीट जैसे-जैसे बुक होती जाती है उसी अनुपात में किराया बढ़ता जाता है।