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पायलटों के अचानक नौकरी छोड़ने से Akasa Air ने की उड़ानों में कटौती, इस्तीफे जारी रहे तो बंद हो जाएगी एयरलाइन

एयरलाइन अकासा एयर को अपने कई पायलटों के नौकरी छोड़ने के बाद अपनी उड़ानों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कंपनी ने उन पायलटों पर केस किया है और चेतावनी दी है कि अगर और लोगों ने इस्तीफा दिया तो कंपनी को मजबूरन बंद करना पड़ेगा। कंपनी के सीईओ ने कहा की पायलटों ने नोटिस पीरियड भी सर्व नहीं किया है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 20 Sep 2023 09:43 PM (IST)
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अधिकांश पायलटों ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस ज्वाइन की है।

नई दिल्ली, जेएनएन: कई पायलटों के नौकरी छोड़ने से बजट एयरलाइन अकासा एयर को अपनी उड़ानों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

कंपनी ने इन पायलटों को अदालत में घसीटने के साथ ही इस बात की चेतावनी भी दी है कि अगर आगे भी इस्तीफे होते हैं तो कंपनी को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

पायलटों ने अपना काम ठीक से नहीं किया- सीईओ

कंपनी के सीईओ विनय दुबे ने कर्मचारियों को भेजे एक ई-मेल में कहा कि कुछ पायलटों ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया और नोटिस अवधि पूरा किए बिना ही चले गए। इससे उड़ानों में व्यवधान पैदा हुआ है।

हालांकि कंपनी अपने परिचालन को बढ़ाने और नए विमानों को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि पिछले सप्ताह ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कंपनी को अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मंजूरी दी है।

इस महीने 700 उड़ाने हो सकती हैं रद्द

सीईओ का ई-मेल उस दिन आया जब विमानन कंपनी के वकील ने दिल्ली की एक अदालत में कहा है कि पायलटों के नौकरी छोड़ने से अकासा संकट में है और अगर यही स्थिति कायम रहती है तो कंपनी बंद हो सकती है।

कंपनी ने अदालत को बताया कि अगस्त में उसने 600 उड़ानें रद की हैं और अगर इस्तीफों का क्रम जारी रहता है तो सितंबर में 700 उड़ानें रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

अकासा ने पायलटों के इस्तीफे पर किया है केस

दरअसल, अकासा ने अचानक इस्तीफा देने वाले पायलटों को अदालत में घसीटा है। इन पायलटों पर आरोप है कि इन्होंने नोटिस अवधि का पालन नहीं किया है।

कंपनी ने नोटिस अवधि का अनुपालन कराने के लिए विमानन नियामक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है। अचानक इस्तीफा देने वाले अधिकांश पायलटों ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस ज्वाइन की है।

विमानन नियामक के अनुसार, पायलट की रैंक वाले कर्मचारियों की नोटिस अवधि 6-12 महीने के बीच होती है। संकट के दौर से गुजर रहे देश के विमानन उद्योग के लिए अकासा एयर की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है।

देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो और टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया का लगभग दो-तिहाई बाजार पर नियंत्रण है। जबकि गो-एयर दिवालिया प्रक्रिया से बाहर आने के लिए हाथ-पैर मार रही है। वहीं स्पाइसजेट को वित्त की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

विनय दुबे और इंडिगो के पूर्व प्रेसिडेंट आदित्य घोष द्वारा 2022 में स्थापित अकासा की बाजार हिस्सेदारी अगस्त में घटकर 4.2 प्रतिशत हो गई जो एक महीने पहले 5.2 प्रतिशत थी।