Akshaya Tritiya 2024: डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ज्वेलरी, किसमें निवेश करना है बेहतर विकल्प
Physical Gold Vs Digital Gold 10 मई 2024 को देश में अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya 2024) का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सोना खरीदना शुभ होता है। वर्तमान में हम फिजिकल गोल्ड के साथ डिजिटल गोल्ड भी खरीद सकते हैं। चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस साल अक्षय तृतीया में इन दोनों ऑप्शन में से किसमें निवेश करना चाहिए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) का पर्व है। माना जाता कि इस दिन सोना खरीदने से मां लक्ष्मी का आर्शीवाद मिलता है। भारत में गोल्ड खरीदने की काफी पुरानी परंपरा है।
आज के समय में सोने में निवेश (Gold Investment) के लिए हमारे पास दो ऑप्शन- फिजिकल गोल्ड और डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) हैं। अब ऐसे में सवाल आता है कि इन दोनों ऑप्शन में से हमारे लिए बेस्ट कौन-सा है।
मार्केट एक्सपर्ट डॉ. रवि सिंह के अनुसार
इस अक्षय तृतीया पर डिजिटल सोने में निवेश पारंपरिक सोने के आभूषणों का एक आकर्षक विकल्प प्रदान करता है। डिजिटल सोने में निवेश स्टोर खर्च और चोरी की संभावना से बचने का एक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीका प्रदान करता है। डिजिटल सोने में निवेश मुद्रास्फीति और बाजार के उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक स्थिर सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जो भौतिक सोने के समान लाभ प्रदान करता है लेकिन अतिरिक्त खर्च के बिना। इस अक्षय तृतीया पर डिजिटल गोल्ड काफी अच्छा ऑप्शन है।
डिजिटल गोल्ड में क्यों करें निवेश
अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आप डिजिटल गोल्ड को सेलेक्ट करें। वर्तमान में डिजिटल गोल्ड के साथ सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond ) भी काफी अच्छा ऑप्शन है। डिजिटल गोल्ड की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें आपको सोने की क्वालिटी को लेकर कोई समस्या नहीं होती है।इसके साथ ही अगर आप लंबे समय तक डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं तो आपको फिजिकल गोल्ड जितना रिटर्न भी मिलता है। आइए, सबसे पहले एसजीबी और डिजिटल गोल्ड के बीच का अंतर समझते हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड में अंतर (SGB Vs Digital Gold)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक गोल्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम (Gold Investment Scheme) है। इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है यानी आप 5 साल तक इसे विड्रॉ नहीं कर सकते हैं। वहीं डिजिटल गोल्ड को आप कभी भी खरीद या बेच सकते हैं।
- अगर आप डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो आपके पास उसे फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट करने का ऑप्शन होता है। इस तरह का ऑप्शन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में नहीं होता है।
- एसजीबी स्कीम आरबीआई द्वारा शुरू की गई है। केंद्रीय बैंक एसजीबी की पूरी गारंटी लेता है पर डिजिटल गोल्ड को कोई भी रेगुलेटर मॉनिटर नहीं करता है।
- डिजिटल गोल्ड को आप किसी सिक्योर्ड वोल्ट में जमा कर सकते हैं, इसके लिए आपको कोई चार्ज नहीं देना होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को स्टोर नहीं किया जा सकता है। दरअसल, एसजीबी एक तरह का पेपर गोल्ड है।
- एसजीबी में आपको कम से कम 1 ग्राम गोल्ड खरीदना होता है, जबकि 1 रुपये में भी डिजिटस गोल्ड खरीदा जा सकता है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज मिलता है। डिजिटल गोल्ड में इस तरह का ब्याज नहीं मिलता है।
डिजिटल गोल्ड में क्यों करना चाहिए निवेश (Physical Gold Vs Digital Gold)
- फिजिकल गोल्ड के चोरी होने या खो जाने का खतरा बना रहता है। वहीं डिजिटल गोल्ड में इस तरह का खतरा नहीं होता है।
- फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड को आसानी से खरीदा जा सकता है। आप चाहें तो घर बैठकर भी ऑनलाइन मोड पर डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं।
- डिजिटल गोल्ड में स्टोरेज या फिर ट्रांजेक्शन फीस फिजिकल गोल्ड की तुलना में कम होती है। इसके अलावा डिजिटल गोल्ड पर फिजिकल गोल्ड के मुकाबले ज्यादा टैक्स बेनिफिट (Tax Benfit) भी मिलता है।