Akshaya Tritiya 2024: सोने में क्यों करना चाहिए निवेश, कितना होता है मुनाफा? जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
भूराजनीतिक तनाव बढ़ने से आम जनता और निवेशकों का सोने की तरफ रुझान फिर से बढ़ा है। दुनिया का सबसे सुरक्षित निवेश माने जाने वाले गोल्ड ने पिछले साल काफी शानदार रिटर्न दिया। रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 के दौरान भारतीय बाजार में सोने का भाव तकरीबन 15 प्रतिशत बढ़ा। आइए जानते हैं कि इस साल सोने का प्रदर्शन कैसा रह सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में सौभाग्य, समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है। अक्षय का मतलब होता है, जो कभी क्षय यानी खत्म ना हो, वह शाश्वत या अविनाशी हो। यही वजह है कि अक्षय तृतीया के दिन शादी करने से लेकर नया कारोबार शुरू करने का चलन है। इस दिन नई चीजें, खासकर सोना खरीदने का भी चलन है।
पिछले कुछ समय में वैश्विक हलचल से आम जनता और निवेशकों का सोने की तरफ रुझान फिर से बढ़ा है, जिसकी पहचान दुनिया के सबसे सुरक्षित निवेश के तौर पर है। पिछले साल गोल्ड ने काफी शानदार रिटर्न दिया। रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 के दौरान भारतीय बाजार में सोने का भाव तकरीबन 15 प्रतिशत बढ़ा।
इसकी वजह थी, कोरोना महामारी से हुए बदलाव भूराजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की ज्यादा खरीदारी और अमेरिकी बाजार में दूसरे निवेशों के प्रति नकारात्मक माहौल। यही ट्रेंड इस साल भी जारी है। रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास संघर्ष के साथ इजरायल और ईरान के बीच भी तनाव बढ़ा है।
सोना निवेश के लिए आकर्षक क्यों है?
- अमेरिका में कई महीनों से ब्याज दरों में बदलाव नहीं हुआ है। अब मौजूदा साल में एक ही बार इसमें कटौती हो सकती है। इससे डॉलर पर दबाव बढ़ेगा, जो सोने के लिए पॉजिटिव बात हो सकती है।- मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव से कच्चे तेल कीमतों में उछाल आया है। इससे दूसरी चीजों के दाम में उछाल आया है। सोने की पहचान ही मुद्रास्फीति से बचाने वाली धातु की है। इसलिए इसमें निवेशकी की दिलचस्पी बनी रहेगी।- इजरायल और अरब देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। वहीं, रूस-यूक्रेन हमले की आंच में यूरोप लगातार झुलस रहा है। इन तनाव के जल्द खत्म होने के कोई संकेत नहीं। लिहाज, सोने में सुरक्षित निवेश की मांग बनी रहोगी।
- वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन पिछले तीस साल में सबसे कमजोर रह सकता है। इस वजह से भी निवेशक सोने जैसी सेफ असेट का रुख कर सकते हैं।