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खुशखबरी! पीएम किसान से जुड़े सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का मिलेगा लाभ

सरकार पीएम किसान से जुड़े सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करना चाहती है। इस कार्य के हिस्से के रूप में केसीसी घर-घर अभियान 1 अक्टूबर से शुरू होगा। यह अभियान डिजिटल रूप से चलाया जाएगा। इस प्रयास में बैंक पंचायत और जिला प्रशासन सहयोग करेंगे ताकि पीएम किसान से जुड़े सभी किसानों को अगले तीन महीने में किसान क्रेडिट कार्ड मिल सके।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 19 Sep 2023 09:04 PM (IST)
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केसीसी के तहत किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपए का लोन दिया जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन: सरकार पीएम किसान से जुड़े सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देना चाहती है। इस काम के लिए आगामी एक अक्टूबर से घर-घर केसीसी अभियान शुरू होने जा रहा है।

यह अभियान डिजिटल तरीके से चलाया जाएगा। इस काम में बैंक, पंचायत व जिला प्रशासन मिलकर काम करेंगे ताकि पीएम किसान से जुड़े सभी किसानों को अगले तीन महीने में किसान क्रेडिट कार्ड मिल सके।

बैंकों के पास किसानों का डाटा?

बैंकों के पास पीएम किसान से जुड़े किसानों का डाटा है। उस आधार पर बैंक उनसे संपर्क करेंगे। इस काम में पंचायत व जिला प्रशासन भी मदद करेंगे। पीएम किसान से जुड़े जिन किसानों के पास क्रेडिट कार्ड नहीं है, उनके संपर्क किया जाएगा।

अगर वह किसान केसीसी लेने से इनकार करता है तो बैंक उनसे इसकी वजह पूछेगा। फिर किसान की समस्या का निवारण किया जाएगा। बैंक को यह बताना होगा कि किसान ने केसीसी क्यों नहीं लिया। केसीसी के तहत किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपए का लोन दिया जाता है।

समय पर चुकता करने पर उन्हें तीन प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में किसान ऋण पोर्टल और घर-घर केसीसी अभियान को लांच किया गया।

अक्टूबर से होगी शुरुआत

अभियान की औपचारिक शुरुआत आगामी एक अक्टूबर से होगी। आने वाले समय में किसानों से जुड़े सभी प्रकार के लोन का डाटा किसान ऋण पोर्टल पर उपलब्ध होगा और केसीसी के तहत किसानों को सब्सिडी का भुगतान भी इस पोर्टल से होगा।

इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव को सभी ग्रामीण बैंकों को डिजिटल सुविधा से लैस करने का निर्देश दिया ताकि सभी प्रकार का डाटा आसानी से उपलब्ध हो सके।

उन्होंने कहा कि हमें दाल का आयात करना पड़ता है और रियल टाइम अनुमान मिलने से हमें आयात की योजना बनाने में सुविधा होगी। पहले से फसल का अनुमान रहने पर आयात की तैयारी भी पहले से की जा सकेगी।

अभी सरकार की तरफ से आयात की खबर से उस फसल की कीमत गिर जाती है जिससे किसानों को नुकसान होता है। सीतारमण ने कहा कि हमें खाद्य तेल में भी आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।