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Power Cut Problem: इस साल गर्मी में नहीं होगी पावर कट की परेशानी! ये है सरकार का मास्टर प्लान

मौसम विभाग का अनुमान है कि गर्मियों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। भीषण गर्मी की वजह से बिजली की डिमांड में तेज उछाल आ सकता है और उससे पावर कट की समस्या भी देखने को मिल सकती है। ऐसे में बिजली मंत्रालय पावर सप्लाई को दुरुस्त रखने का खास प्लान बना रहा है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 13 Apr 2024 05:01 PM (IST)
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अप्रैल से जून के दौरान बिजली की मांग अधिकतम 260 गीगावॉट रहने का अनुमान है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। हर साल गर्मी आते ही बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। कई बार डिमांड के मुताबिक सप्लाई ना होने से पावर कट की समस्या हो जाती है। इससे लोग गर्मी में झुलसने को मजबूर हो जाते हैं। लेकिन, इस बार सरकार ने गर्मी के लंबे सीजन को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी की है।

कितनी बिजली की रहेगी डिमांड?

बिजली मंत्रालय ने इस गर्मी यानी अप्रैल से जून के दौरान बिजली की मांग अधिकतम 260 गीगावॉट रहने का अंदाजा लगाया है। हालांकि, पिछले साल सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावॉट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, जो मंत्रालय के अनुमान से कहीं अधिक थी।

क्या है सरकार का प्लान

केंद्र सरकार ने गर्मी का सीजन लंबा खिंचने की संभावना को देखते हुए गैस से बिजली उत्पादन करने वाले सभी स्टेशनों को 1 मई से 30 जून तक अपना प्लांट चालू रखने का निर्देश दिया है। अभी गैस-बेस्ड जेनरेटिंग स्टेशंस (GBS) के एक बड़ा हिस्से का इस्तेमाल नहीं हो पाता। वजह मुख्य तौर पर कमर्शियल है।

हालांकि, केंद्र सरकार का मानना है कि इन स्टेशनों का इस्तेमाल करने से गर्मियों में पावर सप्लाई को दुरुस्त रखने में मदद मिलेगी। इसके तहत ग्रिड-इंडिया पहले से GBS को बता देगा कि कितने दिनों के लिए गैस वाली बिजली की जरूरत है।

लेकिन, जिन GBS ने डिस्ट्रिब्यूटिंग लाइसेंसहोल्डर्स के साथ पावर परचेजिंग एग्रीमेंट कर रखा है, वे पहले उन्हीं को बिजली सप्लाई करेंगे। अगर उस बिजली का इस्तेमाल नहीं किया गया, तो उसे पावर मार्केट में पेश किया जाएगा।

और क्या उपाय कर रही सरकार?

मौसम विभाग (IMD) ने 2024 की गर्मियों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की अनुमान लगाया है। ऐसे में बिजली मंत्रालय पावर सप्लाई को दुरुस्त रखने के दूसरे विकल्पों पर भी गौर कर रहा है।

इनमें मानसून के दौरान पावर प्लांट का समुचित रखरखाव और नई क्षमता में तेजी से वृद्धि जैसी चीजें शामिल है।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)

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