सर्विस निर्यात में कंप्यूटर के साथ अन्य सेक्टर की भी बढ़ रही है हिस्सेदारी, ट्रैवल सेक्टर में जबरदस्त तेजी
सर्विस निर्यात पिछले कई सालों से औसतन सालाना 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 345 अरब डॉलर के सर्विस निर्यात में कंप्यूटर संचार व सूचना सर्विस की हिस्सेदारी 162.59 अरब डॉलर की रही। जानकारों के मुताबिक मध्य पूर्व के देशों में भारतीय वित्तीय प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रैवल, फाइनेंशियल सर्विस, मनोरंजन, निर्माण जैसे सेक्टर में भारतीय सर्विस की मांग विदेश में लगातार बढ़ रही है और इस वजह से देश के सर्विस निर्यात में लगातार मजबूती आ रही है। हालांकि अब भी देश के सर्विस निर्यात में कंप्यूटर, संचार एवं सूचना सर्विस की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है। वर्ष 2023 में सर्विस निर्यात वर्ष 2022 की तुलना में 11.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 345 अरब डॉलर का रहा।
800 अरब डॉलर का हो जाएगा भारत का सर्विस निर्यात
भारतीय सर्विस की विदेश में बढ़ती मांग को देखते हुए वैश्विक वित्तीय संस्थान गोल्डमैन सैस का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत का सर्विस निर्यात 800 अरब डॉलर का हो जाएगा। वर्ष 2005 में वैश्विक सर्विस निर्यात में भारत की हिस्सेदारी दो प्रतिशत थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई जबकि इस अवधि में भारत के वस्तु निर्यात की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से बढ़कर 1.8 प्रतिशत ही हो पाई।
औसतन सालाना 11 प्रतिशत की दर से हो रही बढ़ोतरी
सर्विस निर्यात पिछले कई सालों से औसतन सालाना 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 345 अरब डॉलर के सर्विस निर्यात में कंप्यूटर, संचार व सूचना सर्विस की हिस्सेदारी 162.59 अरब डॉलर की रही। वर्ष 2022 में 310 अरब डॉलर का सर्विस निर्यात किया गया था और संचार व कंप्यूटर की हिस्सेदारी 144.8 अरब डॉलर की थी।ट्रैवल सर्विस के निर्यात में जबरदस्त तेजी
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023 में ट्रैवल सर्विस के निर्यात में 50.69 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विस में 16.46 प्रतिशत, निर्माण में 21.01 प्रतिशत तो रखरखाव एवं रिपेयर सेवा में 6.26 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। अन्य प्रकार के बिजनेस सर्विस के निर्यात में वर्ष 2023 में 17.73 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। बौद्धिक संपदा के इस्तेमाल से जुड़े सर्विस निर्यात में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।