अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार, चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ा
2024 की पहली छमाही में अमेरिका भारत का शीर्ष निर्यात भागीदार रहा। भारत ने जनवरी-जून 2024 के दौरान अमेरिका 41.6 अरब डॉलर का निर्यात किया। एक साल पहले यह 37.7 अरब डॉलर था यानी इसमें 10 फीसदा इजाफा हुआ है। यूएई को भी होने वाले निर्यात में भी करीब 25 फीसदी का बड़ा उछाल आया है। पहली छमाही में भारत ने सबसे ज्यादा आयात चीन से किया।
पीटीआई, नई दिल्ली। इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी-जून के दौरान अमेरिका भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है। इस अवधि में चीन के साथ 41.6 अरब डॉलर का अपना उच्चतम व्यापार घाटा दर्ज किया है। यह जानकारी थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के डेटा से मिली है। अगर 2024 की पहली छमाही के दौरान देश का व्यापारिक निर्यात 5.41 प्रतिशत बढ़कर 230.51 अरब डॉलर हो गया।
किसके साथ कैसा रहा व्यापार?
भारत को सबसे अधिक व्यापार घाटा चीन के साथ हो रहा है, जो कि 41.6 अरब डॉलर है। भारत ने जनवरी से जून 2024 के दरम्यान चीन को सिर्फ 8.5 अरब डॉलर का निर्यात किया। वहीं, आयात 50.1 अरब डॉलर रहा।
कैलेंडर ईयर की पहली छमाही का डेटा बताता है कि भारत 239 देशों को माल निर्यात करता है। इनमें से 126 देशों को निर्यात बढ़ा है। इन देशों का भारत के कुल निर्यात में 75.3 प्रतिशत हिस्सा है। निर्यात में वृद्धि वाले प्रमुख देशों में अमेरिका, यूएई, नीदरलैंड, सिंगापुर और चीन शामिल हैं।
हालांकि, 98 देशों में निर्यात में गिरावट आई है, जो भारत के निर्यात का 24.6 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें इटली, बेल्जियम, नेपाल और हांगकांग में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
अमेरिका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
2024 की पहली छमाही में अमेरिका भारत का शीर्ष निर्यात भागीदार रहा। भारत ने जनवरी-जून 2024 के दौरान अमेरिका 41.6 अरब डॉलर का निर्यात किया। एक साल पहले यह 37.7 अरब डॉलर था यानी इसमें 10 फीसदा इजाफा हुआ है। यूएई को भी होने वाले निर्यात में भी करीब 25 फीसदी का बड़ा उछाल आया है। पहली छमाही में भारत ने सबसे ज्यादा आयात चीन से किया। यह 46.2 अरब डॉलर से बढ़कर 50.1 अरब डॉलर हो गया।
वित्त वर्ष 2024 में चीन भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार था, जो अमेरिका से थोड़ा आगे था। हालांकि, जनवरी से जून 2024 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। इसका कुल व्यापार 59.4 अरब डॉलर से बढ़कर 62.5 अरब डॉलर हो गया, जो 5.3 प्रतिशत की वृद्धि है।अजय श्रीवास्तव, जीटीआरआई के फाउंडर